पाकिस्तान के अशांत वजीरिस्तान क्षेत्र में एक बार फिर आतंक का साया मंडरा उठा है। शुक्रवार सुबह नॉर्थ वजीरिस्तान के मीर अली इलाके में पाकिस्तान की सेना के कैंप पर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने एक भीषण हमला किया। इस हमले में पाकिस्तान के 7 सैनिक मारे गए जबकि 13 जवान गंभीर रूप से घायल हुए हैं। घायलों को हेलीकॉप्टर की मदद से पास के मिलिट्री अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत नाजुक बताई जा रही है।
फिदायीन हमले से हिला सेना कैंप
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, आतंकियों ने हमले की शुरुआत सुबह करीब 5 बजे की, जब अधिकतर सैनिक ड्यूटी से लौटकर आराम कर रहे थे। हमलावरों ने विस्फोटकों से भरा एक ट्रक सीधे कैंप के गेट से अंदर घुसा दिया। ट्रक के अंदर मौजूद फिदायीन आतंकी की पहचान कारी जुंदुल्लाह के रूप में हुई है, जो TTP का सक्रिय सदस्य बताया जा रहा है। धमाके के बाद पूरे कैंप में अफरा-तफरी मच गई। इसके तुरंत बाद आतंकियों ने ऑटोमेटिक हथियारों और रॉकेट लॉन्चर से ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी।
पाकिस्तानी सेना की जवाबी कार्रवाई
हमले की सूचना मिलते ही पाकिस्तानी सेना ने मिलिट्री हेलीकॉप्टर्स तैनात कर दिए और पूरे क्षेत्र को घेर लिया। सेना के जवानों ने मोर्चा संभालते हुए आतंकियों पर पलटवार किया। देर शाम तक मीर अली इलाके में गोलियों की आवाजें गूंजती रहीं, जबकि कई घरों को खाली करा लिया गया। रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि “आतंकियों के एक बड़े नेटवर्क को खत्म करने के लिए स्पेशल ऑपरेशन जारी है।” सेना का दावा है कि कई आतंकवादी ढेर हो चुके हैं, हालांकि अभियान अभी पूरा नहीं हुआ है।
हमले की जिम्मेदारी ली TTP ने
इस हमले की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने ली है। संगठन के प्रवक्ता ने एक बयान जारी कर कहा कि “हमारे फिदायीन दस्ते ने पाकिस्तानी सेना के ठिकानों पर हमला कर बदला लिया है।”
बताया जा रहा है कि TTP की “खालिद बिन वलीद फिदायीन यूनिट” ने तहरीक तालिबान गुलबहादुर गुट के साथ मिलकर इस हमले को अंजाम दिया। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, इस हमले की योजना अफगानिस्तान की सीमा से लगे इलाकों में पिछले कुछ दिनों से बनाई जा रही थी।
डूरंड लाइन पर बढ़ा तनाव
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच पिछले एक सप्ताह से डूरंड लाइन पर तनाव लगातार बढ़ रहा है। पाकिस्तानी सेना ने हाल ही में अफगानिस्तान के कई इलाकों में TTP के ठिकानों को निशाना बनाया था, जिसके बाद अफगान सेना ने भी जवाबी कार्रवाई की। दोनों देशों की सीमा पर कई चौकियों पर कब्जे को लेकर झड़पें जारी हैं। इस घटनाक्रम ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि TTP पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ा आतंकी खतरा बना हुआ है। बीते कुछ महीनों में संगठन ने कई आत्मघाती हमले किए हैं, जिनमें दर्जनों सैनिक और नागरिक मारे जा चुके हैं।
सरकार और सेना पर बढ़ा दबाव
वजीरिस्तान हमले ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार और पाकिस्तानी सेना दोनों की नींद उड़ा दी है। विपक्ष लगातार सरकार की “कमजोर सुरक्षा नीति” पर सवाल उठा रहा है। वहीं सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने वादा किया है कि “हर शहीद सैनिक की शहादत का बदला लिया जाएगा।” फिलहाल मीर अली और आसपास के इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं और पाकिस्तानी सेना ने इलाके में ऑपरेशन क्लीन-अप शुरू कर दिया है। वजीरिस्तान का यह हमला पाकिस्तान के लिए सिर्फ एक आतंकी वारदात नहीं, बल्कि उसकी आंतरिक सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।