वॉशिंगटन डीसी से आई खबर ने अमेरिकी राजनीति में हलचल मचा दी है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रहे जॉन बोल्टन अब गंभीर कानूनी संकट में घिर गए हैं। अमेरिकी न्याय विभाग ने उन पर गोपनीय और अत्यंत संवेदनशील दस्तावेजों को अवैध रूप से रखने और साझा करने के आरोप में अभियोग दर्ज किया है। यह मामला ट्रंप प्रशासन के दौरान उनके कार्यकाल से जुड़ा बताया जा रहा है, जिसने वाशिंगटन की सियासत में फिर से पुराने विवादों को जगा दिया है।
18 आपराधिक आरोप, राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान का शक
अमेरिकी न्याय विभाग के अनुसार, बोल्टन पर कुल 18 आपराधिक आरोप लगाए गए हैं। इनमें से 8 आरोप राष्ट्रीय रक्षा से जुड़ी सूचनाओं के अवैध प्रसारण से संबंधित हैं, जबकि 10 आरोप ऐसी संवेदनशील जानकारियों को गलत तरीके से अपने पास रखने के हैं। जांच में सामने आया है कि बोल्टन ने एक लगभग 1000 पन्नों की डायरी तैयार की थी, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति, गुप्त अभियानों और मिसाइल विकास योजनाओं से जुड़ी अहम जानकारियां दर्ज थीं। अधिकारियों का कहना है कि यह सामग्री इतनी संवेदनशील थी कि अगर सार्वजनिक हुई तो अमेरिका की सुरक्षा व्यवस्था पर सीधा असर पड़ सकता था।
परिवार के साथ साझा की गुप्त जानकारी
मामले में सबसे चौंकाने वाला खुलासा यह है कि बोल्टन ने कथित रूप से इन गोपनीय जानकारियों को अपने परिवार — पत्नी और बेटी — के साथ साझा किया था। इतना ही नहीं, उन्होंने यह दस्तावेज सरकारी चैनलों के बजाय निजी ईमेल और मैसेजिंग ऐप्स के माध्यम से भेजे। जांच एजेंसियों ने यह भी दावा किया है कि बाद में बोल्टन का ईमेल अकाउंट ईरान से जुड़े साइबर हैकर्स द्वारा हैक कर लिया गया था, जिससे इन दस्तावेजों के लीक होने की संभावना और बढ़ गई।
बोल्टन का पलटवार: “मैं निर्दोष हूं”
इन गंभीर आरोपों पर बोल्टन ने अपने बचाव में बयान जारी करते हुए कहा कि उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है। उनके अनुसार, जिन दस्तावेजों को गोपनीय बताया जा रहा है, वे केवल उनकी व्यक्तिगत डायरी के कुछ अंश हैं। बोल्टन ने यह भी दावा किया कि उन्होंने एफबीआई (FBI) को पहले ही इन नोट्स के अस्तित्व के बारे में जानकारी दी थी और उन्हें किसी भी संवेदनशील फाइल को सार्वजनिक करने का कोई इरादा नहीं था।
सिद्ध हुए तो 10 साल तक की जेल संभव
अगर अदालत में ये आरोप साबित हो जाते हैं, तो जॉन बोल्टन को प्रत्येक अपराध के लिए 10 साल तक की सजा हो सकती है। यह मामला सिर्फ कानूनी नहीं बल्कि राजनीतिक रूप से भी बेहद संवेदनशील बन गया है, क्योंकि बोल्टन लंबे समय से ट्रंप प्रशासन के आलोचक रहे हैं।
ट्रंप से पुराना विवाद, किताब से शुरू हुआ विवाद का सिलसिला
बोल्टन और ट्रंप के बीच संबंध 2020 में और खराब हो गए थे, जब बोल्टन ने अपनी विवादित किताब ‘The Room Where It Happened’ प्रकाशित की थी। इस किताब में उन्होंने ट्रंप प्रशासन की विदेश नीति और आंतरिक निर्णय प्रक्रिया को लेकर कई रहस्य उजागर किए थे। तब से ट्रंप ने उन्हें “झूठा और असंतुष्ट अफसर” कहकर निशाना बनाया था। अब, जब बोल्टन पर गंभीर आरोप लगे हैं, तो ट्रंप समर्थक इसे “न्याय की जीत” बता रहे हैं, जबकि विरोधी दल इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई करार दे रहे हैं। अमेरिकी मीडिया में इस पूरे प्रकरण को “वॉशिंगटन की नई जासूसी कहानी” कहा जा रहा है — जो आने वाले दिनों में अमेरिकी राजनीति को फिर से हिला सकती है।