मुंबई, 15 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) वैश्विक तकनीकी दिग्गज गूगल (Google) ने भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) क्रांति को गति देने के लिए एक ऐतिहासिक निवेश की घोषणा की है। कंपनी ने अगले पाँच वर्षों में देश के AI इंफ्रास्ट्रक्चर और डेटा सेंटर क्षमता को बढ़ाने के लिए 15 बिलियन डॉलर (लगभग 1.25 लाख करोड़ रुपये) खर्च करने का संकल्प लिया है।
विशाखापत्तनम में बनेगा अमेरिका के बाहर सबसे बड़ा AI हब
गूगल का यह विशाल निवेश आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में एक नए डेटा सेंटर हब के निर्माण पर केंद्रित होगा। यह केंद्र भारत में कंपनी की विस्तार योजनाओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसे संयुक्त राज्य अमेरिका के बाहर गूगल का सबसे बड़ा AI केंद्र बनाने की योजना है। यह निवेश भारत में AI मॉडल की बढ़ती मांग और उद्यमों तथा उपभोक्ताओं द्वारा इसकी बढ़ती स्वीकार्यता को पूरा करने के लिए AI कंप्यूट क्षमता को लगातार जोड़ने के गूगल के प्रयास को दर्शाता है।
'यह सिर्फ एक बबल नहीं, बुनियादी ढांचे में गहरा निवेश है'
सिलिकॉन वैली और वॉल स्ट्रीट में AI को लेकर 'बबल' (अस्थायी उछाल) बनने की बढ़ती चिंताओं के बीच, गूगल के एक शीर्ष कार्यकारी ने इस बात से इनकार किया है।
गूगल क्लाउड (Google Cloud) के एशिया पैसिफिक के अध्यक्ष, करण बाजवा ने दिल्ली में एक मीडिया गोलमेज सम्मेलन में कहा, "अगर आप पूरे इकोसिस्टम से आ रहे निवेश की मात्रा को देखें, तो यह सिर्फ एक बुलबुला नहीं हो सकता। यह वास्तव में AI बुनियादी ढांचे के निर्माण में एक गहरा निवेश है।" उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि कंपनी क्षमता का निर्माण कर रही है, ग्राहकों को सेवाएँ दे रही है, और यह एक आत्म-पूर्ति (self-fulfilling) की प्रक्रिया है।
एक अन्य वरिष्ठ कार्यकारी ने AI के वास्तविक जीवन के प्रभाव को रेखांकित करते हुए बताया कि जब वे एक नया मॉडल जारी करते हैं, तो कुछ ही घंटों के भीतर खरबों टोकन संसाधित (processed) होने लगते हैं, जो नए मॉडलों का उपयोग करने के लिए लोगों के उत्साह को दर्शाता है।
उच्च-स्तरीय कार्यक्रम में गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति
इस महत्वपूर्ण घोषणा को दिल्ली में आयोजित एक उच्च-स्तरीय कार्यक्रम में किया गया, जिसमें भारत सरकार और राज्य सरकार के प्रमुख गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। इस अवसर पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, रेल, सूचना और प्रसारण और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू और गूगल क्लाउड के सीईओ थॉमस कुरियन भी मौजूद थे।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम केवल भारत की तकनीकी क्षमता को ही नहीं बढ़ाएगा, बल्कि यह वैश्विक रुझान को भी दर्शाता है, जहाँ अमेरिका जैसे देशों में पानी की खपत और बिजली ग्रिड पर डेटा केंद्रों के भारी दबाव के कारण, कंपनियां भारत जैसे अन्य स्थानों पर अपने परिचालन को स्थानांतरित करने पर विचार कर सकती हैं।