रूस के सामने निडरता से खड़े होकर यूक्रेन के राष्ट्रीय हीरो बनकर उभरे राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की अब देश में गंभीर भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरते नजर आ रहे हैं। ये आरोप ऐसे समय में लगे हैं जब यूक्रेन पश्चिमी देशों से लगातार सैन्य और वित्तीय सहायता प्राप्त कर रहा है, जिससे उनकी अंतर्राष्ट्रीय छवि और देश को मिलने वाले समर्थन पर गहरा संकट मंडरा रहा है।
सरकारी कंपनी से $10 करोड़ की हेराफेरी का आरोप
भ्रष्टाचार के केंद्र में जेलेंस्की के पुराने कारोबारी साझेदार तिमुर मिंडिच का आपराधिक संगठन है। यूक्रेन के जांचकर्ताओं ने दावा किया है कि इस संगठन ने सरकारी परमाणु ऊर्जा कंपनी (Energoatom) से 10 करोड़ डॉलर (लगभग $100 मिलियन) की भारी-भरकम हेराफेरी की है। जांच एजेंसियों के अनुसार, यह संगठन मनी लॉन्ड्रिंग, धोखाधड़ी और तमाम वित्तीय अपराधों में शामिल है। तिमुर मिंडिच, जेलेंस्की द्वारा स्थापित लोकप्रिय कॉमेडी टेलीविजन स्टूडियो 'क्वारतल 95' का भी मालिक है, जो राष्ट्रपति के साथ उनके घनिष्ठ संबंधों को दर्शाता है। भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी के छापे की कार्रवाई शुरू होने से पहले ही तिमुर मिंडिच कथित तौर पर देश छोड़कर भाग गया, जिससे आरोपों को और बल मिलता है। भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी के अनुसार, इस घोटाले के मूल में एक विस्तृत योजना थी, जिसमें हिस्सेदारों ने ठेकेदारों से 10 से 15 प्रतिशत तक की रिश्वत ली थी।
जेलेंस्की पर बढ़ता राजनीतिक दबाव
जैसे ही यह मामला सामने आया, यूक्रेन की मुख्य विपक्षी पार्टी, यूरोपियन सालिडेरिटी ने राष्ट्रपति जेलेंस्की के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का आह्वान कर दिया है। आरोपों की गंभीरता को देखते हुए, जेलेंस्की के कहने पर दो मंत्रियों ने पहले ही इस्तीफा दे दिया है। जेलेंस्की पर दबाव इतना अधिक है कि प्रधानमंत्री से उनके कारोबारी साझेदार तिमुर मिंडिच पर प्रतिबंध लगाने का भी आग्रह किया गया है। देश की स्वतंत्र जांच एजेंसी, नेशनल एंटी-करप्शन ब्यूरो ऑफ यूक्रेन (NABU), इस मामले में लगातार नए खुलासे कर रही है। NABU ने धोखाधड़ी के वायरटैप की रिकॉर्डिंग और जासूसों द्वारा तैयार किए गए धोखाधड़ी के वीडियो ऑनलाइन पोस्ट किए हैं, जिन्हें वे एक-एक करके जनता के सामने रख रहे हैं।
पश्चिमी समर्थन पर मंडराया संकट
इस मामले ने यूक्रेनी नागरिकों को झकझोर कर रख दिया है, और जेलेंस्की पर भारी दबाव है, हालांकि उन पर सीधे तौर पर कोई आरोप नहीं है। उन्होंने सार्वजनिक रूप से भ्रष्टाचार निरोधक अधिकारियों और पुलिस द्वारा की जा रही हर जांच का समर्थन करने की बात कही है। हालांकि, जेलेंस्की पर पहले भी भ्रष्टाचार विरोधी जांचकर्ताओं की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने का आरोप लगा था, खासकर जब वे इस मामले की जांच कर रहे थे। इस कदम के खिलाफ जनता सड़कों पर उतर आई थी, जिसके बाद जेलेंस्की को अपना रुख बदलना पड़ा था।
यूरोपीय देशों को आशंका है कि जेलेंस्की पर लगे इन आरोपों के चलते पश्चिमी साझेदार अपना समर्थन जारी रखने पर पुनर्विचार करने लगेंगे, जो युद्धग्रस्त यूक्रेन के लिए एक बड़ा झटका होगा। जर्मनी ने यूक्रेन से भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ने का स्पष्ट आह्वान किया है, यह दर्शाता है कि पारदर्शिता और सुशासन पश्चिमी सहायता की निरंतरता के लिए महत्वपूर्ण शर्त बन गए हैं।