दिल्ली में लाल किले के पास हुए कार बम विस्फोट और फिर शुक्रवार रात जम्मू-कश्मीर के नौगाम में हुए विस्फोट ने देश की आंतरिक सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इन आतंकी घटनाओं के बाद राजनीतिक गलियारों में उबाल आ गया है, और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार से आतंकवाद के बढ़ते खतरे पर चर्चा करने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाने की तत्काल मांग की है।
नौगाम विस्फोट में हताहत और खरगे की चिंता
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर अपनी गहरी निराशा और दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के नौगाम में एक पुलिस स्टेशन पर हुए विस्फोट में 9 बहुमूल्य जानें चली गईं और 24 लोग घायल हो गए, यह जानकर अत्यंत दुःख हुआ।
खरगे ने इस घटना को दिल्ली में लाल किले के पास हुए 'कायराना कार बम विस्फोट' के कुछ ही दिनों बाद सामने आया घटनाक्रम बताया। उन्होंने केंद्र सरकार पर सीधे निशाना साधते हुए कहा कि यह घटना खुफिया तंत्र और आतंकवाद-रोधी तंत्र को मजबूत करने की चेतावनी है, और केंद्र सरकार इस जवाबदेही से भाग नहीं सकती।
खरगे ने घायलों के जल्द इलाज और पीड़ितों को पर्याप्त मुआवजा देने की भी मांग की और जान गंवाने वाले परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की।
आतंकवाद पर एकजुटता और सर्वदलीय बैठक की मांग
आतंकवाद के बढ़ते खतरे को देखते हुए, खरगे ने आगे कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस "आतंकवाद के अभिशाप के विरुद्ध राष्ट्र के साथ एकजुट" है। हालांकि, उन्होंने इस मुद्दे की गंभीरता पर तत्काल ध्यान देने की मांग की:
"हाल ही में लाल किले पर हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर, आतंकवाद के बढ़ते खतरे पर चर्चा के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाने की तत्काल आवश्यकता है, जिसे बाहरी ताकतों से लगातार समर्थन और समर्थन मिल रहा है।"
उनका यह बयान देश की सुरक्षा चुनौतियों पर राजनीतिक दलों के बीच एक सामूहिक रणनीति बनाने के इरादे को दर्शाता है।
'सुरक्षित भारत' का नारा विफल: मनीष सिसोदिया
आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया ने भी 'एक्स' पर सरकार की सुरक्षा व्यवस्था पर तीखे सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि देश अभी पहलगाम की पीड़ा से उबरा भी नहीं था कि दिल्ली और फिर श्रीनगर पुलिस स्टेशन में हुए धमाकों ने एक बार फिर देश में डर का माहौल बना दिया है।
सिसोदिया ने केंद्र सरकार पर देश की सुरक्षा में बुरी तरह विफल होने का आरोप लगाया:
"लगातार हो रही इन घटनाओं ने यह साफ कर दिया है कि 'कथित सुरक्षित भारत' का नारा देने वाली सरकार अपनी सबसे बड़ी जिम्मेदारी देश की सुरक्षा में बुरी तरह विफल हो रही है।"
उन्होंने सीधा सवाल किया कि देश के गृह मंत्री जी क्या कर रहे हैं? सिसोदिया ने इन घटनाओं को "सामान्य चूक नहीं, बल्कि सुरक्षा तंत्र में भारी लापरवाही और बुरी व्यवस्थाओं का परिणाम" बताया।
दिल्ली और नौगाम में हुए इन विस्फोटों ने देश की सुरक्षा चुनौतियों को एक बार फिर केंद्र में ला दिया है, और विपक्ष अब सरकार से इन गंभीर विफलताओं पर जवाबदेही तय करने और सर्वसम्मत कार्रवाई करने की मांग कर रहा है।