दुनिया के सबसे पसंदीदा टूरिस्ट गंतव्य में से एक थाईलैंड एक बार फिर खबरों में है, लेकिन इस बार बात समुद्री तटों, नाइटलाइफ और छुट्टियों की नहीं बल्कि गोवा के नाइट क्लब मालिक लूथरा ब्रदर्स की है। घटना वाले दिन ही दोनों आरोपी देश छोड़कर थाईलैंड के फुकेट पहुंच गए, जिसके बाद भारत की जांच एजेंसियों ने उनके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस और प्रत्यर्पण प्रक्रिया की तैयारी तेज कर दी है।
थाईलैंड: भारतीयों का पसंदीदा ठिकाना और आसान एंट्री प्वाइंट
थाईलैंड को एशिया का सबसे आकर्षक और सुविधाजनक पर्यटन स्थल माना जाता है।
इन सब वजहों से हर साल लाखों भारतीय यहां आते हैं।
वर्ष 2024 में लगभग 21 लाख भारतीय थाईलैंड पहुंचे, जिससे भारत चीन और मलेशिया के बाद तीसरा सबसे बड़ा पर्यटक स्रोत बन चुका है। भारतीय टूरिस्ट खर्च के मामले में भी शीर्ष पर हैं, जो सीधे तौर पर थाईलैंड की अर्थव्यवस्था को मजबूत करता है।
भारतीय रुपये बनाम थाई बाट: समझें करंसी का अंतर
थाईलैंड की आधिकारिक मुद्रा थाई बाट (THB) कहलाती है। इसे 100 सतांग में बांटा जाता है और मुद्रा प्रणाली का प्रबंधन बैंक ऑफ थाईलैंड संभालता है।
मुद्रा विनिमय गणना के अनुसार:
यानी यदि कोई भारतीय थाईलैंड में नौकरी करके 1 लाख बाट कमाता है, तो भारत में उसकी कीमत लगभग:
2 लाख 82 हजार रुपये
यही कारण है कि थाईलैंड में काम करने वाले कई भारतीयों के लिए वहां कमाई करना आर्थिक रूप से लाभदायक साबित होता है।
पर्यटन और धन का समीकरण
थाईलैंड में कम बजट में घूमने की चाह रखने वाले भारतीयों के लिए यह देश हमेशा लुभावना रहा है, लेकिन करंसी वैल्यू में अंतर अक्सर यात्रियों को भ्रमित करता है।
यही कारण है कि यात्रा विशेषज्ञ हमेशा सलाह देते हैं कि विदेशी मुद्रा की प्लानिंग पहले से कर ली जाए ताकि खर्च की गड़बड़ी न हो।
फुकेट: अपराधियों के लिए भी ‘स्वर्ग’ क्यों माना जाता है?
फुकेट सिर्फ पर्यटकों के लिए ही नहीं, बल्कि फरार अपराधियों के लिए भी छिपने का आसान अड्डा रहा है।
इसके पीछे मुख्य कारण हैं:
-
आसान वीज़ा एंट्री
-
पर्यटक भीड़ में पहचान छिपाना आसान
-
कैश आधारित लाइफस्टाइल
-
शॉर्ट-टर्म रेंटल व्यवस्था
-
समुद्री सीमा से तेज मूवमेंट
यही वजह है कि गोवा केस के आरोपी लूथरा ब्रदर्स भी बिना किसी रुकावट के यहां पहुंचने में सफल रहे।
भारतीय एजेंसियों के लिए चुनौती
थाईलैंड के साथ प्रत्यर्पण संधि और इंटरपोल स्तर पर सहयोग मौजूद है, लेकिन मामलों में पेशी, कानूनी प्रक्रिया और स्थानीय न्याय व्यवस्था जटिल है।
लूथरा मामले में भी भारतीय अधिकारियों को:
-
थाई इमिग्रेशन
-
स्थानीय पुलिस
-
न्यायिक मंत्रालय
के माध्यम से लंबा कानूनी रास्ता तय करना होगा।