विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार (18 नवंबर, 2025) को मॉस्को में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से महत्वपूर्ण मुलाकात की। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है, जब दोनों देशों के बीच वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन की तैयारियां तेज़ी से चल रही हैं। सरकारी समाचार एजेंसी ‘TASS’ के अनुसार, क्रेमलिन के सीनेट पैलेस में पुतिन ने जयशंकर का गर्मजोशी से स्वागत किया और भविष्य की द्विपक्षीय संभावनाओं पर विस्तृत बातचीत की।
पुतिन से मुलाकात पर क्या बोले एस. जयशंकर?
मुलाकात के बाद जयशंकर ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया साझा की। उन्होंने लिखा, “आज मॉस्को में रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात कर बेहद सम्मानित महसूस कर रहा हूं। मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से उनका अभिवादन किया और उन्हें आगामी वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन की तैयारियों से अवगत कराया।”
उन्होंने यह भी बताया कि बैठक में क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर दोनों नेताओं के बीच व्यापक चर्चा हुई। एस. जयशंकर ने कहा कि वे पुतिन के मार्गदर्शन और दृष्टिकोण को अत्यंत महत्वपूर्ण मानते हैं, क्योंकि भारत-रूस संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में उनका योगदान अहम है।
भारत कब आएंगे व्लादिमीर पुतिन?
क्रेमलिन द्वारा जारी वीडियो में पुतिन को जयशंकर, भारतीय राजदूत विनय कुमार और संयुक्त सचिव मयंक सिंह का स्वागत करते हुए देखा गया। यह मुलाकात खास इसलिए भी है, क्योंकि पुतिन की भारत यात्रा दिसंबर की शुरुआत में प्रस्तावित है। माना जा रहा है कि 5 दिसंबर के आसपास पुतिन भारत आ सकते हैं। इस दौरे के दौरान रक्षा, ऊर्जा, व्यापार और रणनीतिक सहयोग को लेकर कई अहम समझौते होने की उम्मीद है।
रूसी विदेश मंत्री लावरोव से भी विस्तृत बातचीत
पुतिन से मुलाकात से एक दिन पहले विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ लंबी बैठक की थी। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय व्यापार, रक्षा सहयोग, अंतरराष्ट्रीय संकटों और भू-राजनीतिक चुनौतियों पर चर्चा की। इसके अलावा, जयशंकर ने एससीओ (शंघाई सहयोग संगठन) सदस्य देशों के प्रतिनिधिमंडल के प्रमुखों के साथ भी पुतिन से मुलाकात की। इस बैठक में रूस के प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्तिन, ईरान के उपराष्ट्रपति, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, बेलारूस और पाकिस्तान के शीर्ष नेता शामिल थे।
एससीओ सम्मेलन के दौरान अन्य महत्वपूर्ण मुलाकातें
जयशंकर ने एससीओ बैठकों से इतर कई द्विपक्षीय मुलाकातें भी कीं। उन्होंने मंगोलिया के प्रधानमंत्री गोम्बोजाविन ज़ंदनशतार और कतर के प्रधानमंत्री व विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल सानी से भी चर्चा की। उन्होंने रूस के प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्तिन को एससीओ शासनाध्यक्षों की बैठक की मेजबानी के लिए धन्यवाद दिया और रूसी आतिथ्य की सराहना की।