पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में सुरक्षा बलों ने प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के खिलाफ दो अलग-अलग सफल अभियानों में सात आतंकवादियों को मार गिराया है। यह कार्रवाई देश में बढ़ती आतंकवादी गतिविधियों का मुकाबला करने के लिए पाकिस्तान सेना के दृढ़ संकल्प को दर्शाती है।
सेना की मीडिया शाखा, इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर), के अनुसार, ये दोनों अभियान उत्तरी वजीरिस्तान जिले में 'फ़ितना अल ख्वारिज' की कथित मौजूदगी के बाद चलाए गए। उत्तरी वजीरिस्तान में दो खुफिया-आधारित ऑपरेशन (IBOs)
सुरक्षा बलों ने उत्तरी वजीरिस्तान जिले के विभिन्न इलाकों में खुफिया जानकारी के आधार पर कार्रवाई की:
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मीर अली तहसील: यहां चलाए गए एक खुफिया-आधारित अभियान (IBO) में, सुरक्षा बलों ने छह आतंकवादियों को मार गिराया।
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स्पिनवाम इलाका: इसी जिले के स्पिनवाम इलाके में एक और IBO में एक आतंकवादी मारा गया।
आईएसपीआर ने बताया कि मारे गए इन आतंकवादियों से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद जब्त किया गया है। ये आतंकवादी सुरक्षा बलों, कानून प्रवर्तन एजेंसियों के खिलाफ कई आतंकवादी गतिविधियों और निर्दोष नागरिकों की लक्षित हत्याओं (Targeted Killings) में सक्रिय रूप से शामिल रहे थे।
बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान जारी
सुरक्षा बल अब भी क्षेत्र में मौजूद किसी भी अन्य आतंकवादी को खत्म करने के लिए व्यापक तलाशी अभियान चला रहे हैं। इन अभियानों का उद्देश्य खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान जैसे सीमावर्ती प्रांतों में सुरक्षा स्थिति को स्थिर करना है, जहां हाल के महीनों में हिंसा में वृद्धि हुई है।
नवंबर 2022 में टीटीपी द्वारा सरकार के साथ संघर्ष विराम खत्म करने के बाद से, पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों में तेजी देखी गई है।
हाल के सफल ऑपरेशन
पाकिस्तानी सेना टीटीपी विद्रोहियों के खिलाफ लगातार अभियान चला रही है। पिछले महीने, सेना ने उत्तर-पश्चिम पाकिस्तान में दो खुफिया आधारित ऑपरेशन में टीटीपी से जुड़े 15 विद्रोहियों को मार गिराया था।
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ये अभियान डेरा इस्माइल खान और उत्तरी वजीरिस्तान जिलों में चलाए गए थे।
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डेरा इस्माइल खान के कुलाची इलाके में हुई छापेमारी में टीटीपी के 10 आतंकवादी मारे गए, जिनमें मुख्य सरगना आलम महसूद भी शामिल था।
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उत्तरी वजीरिस्तान के दत्ता खेल में पांच विद्रोही मारे गए।
विदेशी प्रायोजन और राष्ट्रीय आम सहमति
पाकिस्तानी अधिकारियों ने किसी देश का नाम लिए बिना यह बताया कि मारे गए सभी विद्रोही 'विदेशी प्रायोजित नेटवर्क' से जुड़े थे और कई बड़े हमलों में शामिल थे।
राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने आतंकवाद के खिलाफ राष्ट्रीय आम सहमति के महत्व पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि 'आतंकवाद' के खिलाफ राष्ट्रीय आम सहमति को कमजोर करने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह बयान आंतरिक और बाहरी दोनों तरह की चुनौतियों के सामने देश की एकजुटता को बनाए रखने की आवश्यकता को रेखांकित करता है।