ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट में एक और बड़े युग के अंत की सुगबुगाहट तेज हो गई है। दिग्गज सलामी बल्लेबाज डेविड वॉर्नर के संन्यास के ठीक दो साल बाद, अब उनके बचपन के दोस्त उस्मान ख्वाजा (Usman Khawaja) के भी टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने की खबरें सामने आ रही हैं। दिलचस्प बात यह है कि वॉर्नर ने भी जनवरी 2024 में सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (SCG) पर अपना आखिरी मैच खेला था, और अब ख्वाजा के लिए भी सिडनी टेस्ट उनके करियर का अंतिम पड़ाव साबित हो सकता है।
यहाँ उस्मान ख्वाजा के संन्यास की अटकलों और ऑस्ट्रेलियाई टीम की स्थिति का विस्तृत विश्लेषण दिया गया है:
सिडनी टेस्ट पर टिकी सबकी निगाहें
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उस्मान ख्वाजा एशेज सीरीज 2025-26 के आखिरी टेस्ट के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर सकते हैं। ख्वाजा के लिए सिडनी का मैदान हमेशा से खास रहा है, और अपने घरेलू दर्शकों के सामने संन्यास लेना किसी भी खिलाड़ी के लिए एक भावुक और गर्व का क्षण होता है। हालांकि, टीम के मुख्य कोच एंड्रयू मैक्डॉनल्ड ने इन खबरों पर फिलहाल अनभिज्ञता जताई है। कोच का कहना है कि उन्हें या चयनकर्ताओं को ख्वाजा की ओर से संन्यास का कोई आधिकारिक संकेत नहीं मिला है।
संन्यास की खबरों के पीछे के 3 मुख्य कारण
ख्वाजा के संन्यास की चर्चाओं के पीछे कुछ ठोस तर्क दिए जा रहे हैं:
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उम्र और लंबा ब्रेक: एशेज सीरीज खत्म होने के बाद ऑस्ट्रेलिया का टेस्ट शेड्यूल काफी खाली है। टीम को अपना अगला टेस्ट मैच अगस्त 2026 में बांग्लादेश के खिलाफ खेलना है। तब तक ख्वाजा की उम्र 40 वर्ष के करीब पहुंच जाएगी। इतने लंबे अंतराल के बाद खुद को मानसिक और शारीरिक रूप से टेस्ट क्रिकेट के लिए तैयार रखना एक बड़ी चुनौती होगी।
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चयनकर्ताओं का दृष्टिकोण: मौजूदा एशेज सीरीज के दौरान ख्वाजा प्लेइंग इलेवन से अंदर-बाहर होते रहे हैं। चयनकर्ता भविष्य को देखते हुए युवा सलामी बल्लेबाजों को तैयार करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। ऐसे में 8 महीने बाद होने वाली सीरीज में 40 साल के खिलाड़ी पर भरोसा जताना मुश्किल लग रहा है।
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बचपन के दोस्त का रास्ता: ख्वाजा और वॉर्नर ने साथ में क्रिकेट सीखा और खेला। वॉर्नर के जाने के बाद ख्वाजा ने ऑस्ट्रेलियाई ओपनिंग को मजबूती दी, लेकिन अब वह सही समय पर 'बैट' टांगने (संन्यास लेने) का विचार कर सकते हैं।
मौजूदा एशेज सीरीज में प्रदर्शन
उस्मान ख्वाजा का बल्ला इस सीरीज में उस तरह नहीं गरजा है जिसके लिए वह जाने जाते हैं। उन्होंने अब तक 5 पारियों में 30.60 की औसत से 153 रन बनाए हैं। इस दौरान उनके बल्ले से केवल एक अर्धशतक निकला है। उनकी धीमी शुरुआत और बड़ी पारी खेलने में नाकामी ने भी उनके भविष्य पर सवाल खड़े किए हैं।
विरासत और योगदान
उस्मान ख्वाजा का करियर उतार-चढ़ाव भरा रहा, लेकिन 2022 में उनकी वापसी के बाद उन्होंने जो निरंतरता दिखाई, उसने ऑस्ट्रेलिया को वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप जीतने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कठिन परिस्थितियों में अपनी तकनीक और धैर्य से ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी को स्थायित्व दिया।