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बांग्लादेश में 12 फरवरी 2026 को आम चुनाव और जनमत संग्रह, कट्टरपंथ और सियासी अस्थिरता बनी बड़ी चुनौती

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Posted On:Monday, December 29, 2025

बांग्लादेश में 12 फरवरी 2026 को आम चुनाव के साथ-साथ जनमत संग्रह भी कराया जाएगा। चुनाव आयोग के कार्यक्रम के अनुसार, नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तारीख 29 दिसंबर 2025 तय की गई है, जबकि नामांकन पत्रों की जांच 30 दिसंबर से जनवरी के बीच होगी। इस चुनाव में देश की 300 संसदीय सीटों पर मतदान होगा। यह चुनाव ऐसे समय में हो रहा है, जब 5 अगस्त 2024 को शेख हसीना के तख्तापलट के बाद से देश में मोहम्मद युनूस की अगुवाई में अंतरिम सरकार सत्ता संभाल रही है।

अंतरिम सरकार को सत्ता में आए लगभग डेढ़ साल से अधिक का समय हो चुका है, लेकिन इसके बावजूद बांग्लादेश में हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं। आए दिन हिंसा, आगजनी और अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदू समुदाय पर हमलों की खबरें सामने आ रही हैं। कानून-व्यवस्था की स्थिति लगातार चिंता का विषय बनी हुई है। देशभर में कट्टरपंथी ताकतें तेजी से अपनी जड़ें मजबूत कर रही हैं, जो न केवल सामाजिक सौहार्द के लिए खतरा हैं, बल्कि आने वाले चुनावों की निष्पक्षता और शांति पर भी गंभीर सवाल खड़े कर रही हैं।

साल 2024 में शेख हसीना के खिलाफ हुए हिंसक आंदोलन के दौरान कई छात्र संगठनों ने अहम भूमिका निभाई थी। इसी आंदोलन से जुड़े छात्रों ने मिलकर एक नई राजनीतिक पार्टी नेशनल सिटीजन पार्टी (NCP) का गठन किया। शुरुआत में इसे बदलाव और सुधार की राजनीति का प्रतीक माना गया, लेकिन जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, एनसीपी और कट्टरपंथी विचारधारा वाली जमात-ए-इस्लामी के संभावित गठबंधन की चर्चाएं तेज हो गई हैं। इस मुद्दे ने एनसीपी के भीतर गहरा संकट पैदा कर दिया है।

एनसीपी और जमात-ए-इस्लामी की विचारधाराएं एक-दूसरे से बिल्कुल अलग मानी जाती हैं। छात्र आंदोलन के दौरान एनसीपी ने जिन सुधारों और लोकतांत्रिक मूल्यों की बात की थी, वे जमात की कट्टर सोच से मेल नहीं खातीं। पार्टी के संयोजक नाहिद इस्लाम पर आरोप लग रहे हैं कि वे जमात-ए-इस्लामी के एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं। इसी असंतोष के चलते एनसीपी के कई वरिष्ठ नेता पार्टी छोड़ चुके हैं। महफूज आलम के बाद पार्टी के ज्वाइंट सेक्रेटरी मीर इरशादुल ने भी इस्तीफा दे दिया है। अब तक 30 से ज्यादा नेता एनसीपी से नाता तोड़ चुके हैं, जिससे यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या 2024 का छात्र आंदोलन वास्तव में लोकतांत्रिक सुधार के लिए था या सिर्फ सत्ता परिवर्तन का जरिया।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि एनसीपी के जमात के साथ संभावित गठबंधन के पीछे सीट शेयरिंग एक बड़ा कारण हो सकता है। अगर एनसीपी, खालिदा जिया की पार्टी बीएनपी के साथ गठबंधन करती, तो उसे सीमित सीटें मिलतीं। वहीं, जमात के साथ मिलकर वह ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ सकती है, भले ही इसके लिए उसे अपने मूल मुद्दों से समझौता करना पड़े।

ढाका के जानकारों के अनुसार, इन चुनावों में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर सकती है। पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की यह पार्टी शेख हसीना की सबसे बड़ी सियासी प्रतिद्वंद्वी रही है। फिलहाल खालिदा जिया बीमार हैं और अस्पताल में भर्ती हैं, जबकि उनके बेटे तारिक रहमान 17 साल बाद बांग्लादेश लौटकर चुनावी अभियान की कमान संभाल रहे हैं। तारिक रहमान इस बार दो सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं।

दूसरी ओर, जमात-ए-इस्लामी भी चुनावी मैदान में उतर रही है। शेख हसीना के शासनकाल में इस पार्टी पर प्रतिबंध लगाया गया था, क्योंकि इसे कट्टरपंथी विचारधारा का समर्थक माना जाता है। पार्टी के नेता शफीकुर रहमान हैं और यह 2001-06 के दौरान बीएनपी सरकार में गठबंधन का हिस्सा भी रह चुकी है।

इन सबके बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि बांग्लादेश की सबसे बड़ी पार्टी अवामी लीग को चुनावी प्रक्रिया से बाहर रखा गया है। शेख हसीना की पार्टी पर प्रतिबंध लगाए जाने को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सवाल उठ रहे हैं। कई विशेषज्ञों का मानना है कि अवामी लीग के बिना होने वाला चुनाव पहले से ही “फिक्स” माना जाएगा।

चुनाव के साथ-साथ 12 फरवरी को जनमत संग्रह भी होगा, यानी मतदाताओं को एक ही दिन में दो बार वोट डालना होगा। संसदीय चुनाव के लिए सफेद कागज पर काले रंग के बैलेट पेपर का इस्तेमाल होगा, जबकि जनमत संग्रह के लिए रंगीन बैलेट पेपर होंगे। देशभर में 42,761 पोलिंग सेंटर बनाए गए हैं, जिनमें कुल 2,44,739 बूथ होंगे। मतदान सुबह 7:30 बजे से शाम 4:30 बजे तक चलेगा।

इस चुनाव में कुल 12,76,12,384 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे, जिनमें 6,47,60,382 पुरुष, 6,28,50,772 महिला और लगभग 1,230 ट्रांसजेंडर मतदाता शामिल हैं। मतदान समाप्त होते ही मतगणना शुरू कर दी जाएगी। अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या बांग्लादेश इतने तनावपूर्ण माहौल में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव करा पाएगा।


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