भारत के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक अमरनाथ यात्रा की शुरुआत बस कुछ ही दिनों में होने जा रही है। 3 जुलाई 2025 से यह पवित्र यात्रा आरंभ होगी, जिसमें लाखों श्रद्धालु बर्फानी बाबा के दर्शन के लिए कश्मीर घाटी का रुख करेंगे। हर साल की तरह इस बार भी सुरक्षा, ट्रैफिक कंट्रोल, मौसम की चेतावनी, और तीर्थयात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने व्यापक तैयारी की है।
इस बार यात्रा को लेकर सबसे बड़ा बदलाव यह है कि 1 जुलाई से 10 अगस्त 2025 तक अमरनाथ यात्रा के सभी मार्गों को नो फ्लाइंग जोन घोषित किया गया है। यह फैसला सुरक्षा कारणों से लिया गया है और इसका सीधा असर हेलीकॉप्टर सेवाओं पर पड़ेगा।
क्या है नो फ्लाइंग जोन का फैसला?
16 जून 2025 को जारी एक सरकारी आदेश में स्पष्ट किया गया कि अमरनाथ यात्रा के दौरान सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी। इसी के तहत, पहलगाम और बालटाल मार्गों को 1 जुलाई से नो फ्लाइंग जोन घोषित किया गया है। इस फैसले के तहत:
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किसी भी हेलीकॉप्टर सेवा को बालटाल और पहलगाम के ऊपर उड़ान की अनुमति नहीं होगी।
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यात्रा क्षेत्र में निजी, व्यावसायिक या सरकारी हवाई संचालन पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा।
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इस आदेश का उद्देश्य है यात्रा मार्ग को ड्रोन हमलों या अन्य हवाई खतरों से सुरक्षित रखना।
हेलीकॉप्टर सेवाएं क्यों बंद?
यह निर्णय हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले और सुरक्षा एजेंसियों की चेतावनी के बाद लिया गया है। नो फ्लाइंग जोन लागू करके प्रशासन किसी भी हवाई खतरे को पहले से रोकना चाहता है। इससे श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।
इस बार अमरनाथ यात्रा पैदल, पालकी, और टट्टू सेवाओं के माध्यम से ही पूरी की जा सकेगी। हेलीकॉप्टर सेवा से यात्रा की योजना बनाने वाले यात्रियों को अब वैकल्पिक साधनों का उपयोग करना होगा।
कैसे करें यात्रा की योजना?
अगर आप अमरनाथ यात्रा पर जाने की सोच रहे हैं, तो इन बातों पर ध्यान दें:
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यात्रा की शुरुआत 3 जुलाई 2025 से होगी और यह 10 अगस्त 2025 तक चलेगी।
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यात्रा के दो मुख्य मार्ग हैं:
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बालटाल श्रीनगर से सड़क मार्ग से लगभग 95 किलोमीटर दूर है और यह अपेक्षाकृत कठिन, लेकिन छोटा मार्ग है।
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पहलगाम मार्ग थोड़ा लंबा जरूर है, लेकिन सुविधाजनक माना जाता है।
यात्रा मार्ग की सटीक जानकारी और गाइडलाइन के लिए श्रद्धालु श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं। यहां यात्रा रूट, मौसम पूर्वानुमान, हेल्प डेस्क, टेंट सुविधा, और जरूरी निर्देशों की जानकारी मौजूद है।
मॉक ड्रिल और सुरक्षा तैयारियां
1 जुलाई से पहले, जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना, और ITBP ने संयुक्त रूप से एक मॉक ड्रिल का आयोजन किया। इसका मकसद यात्रा मार्ग पर आतंकवाद रोधी, आपदा प्रतिक्रिया और यात्री नियंत्रण प्रणाली को जांचना था।
यात्रा के दौरान पूरे मार्ग पर:
इसके अलावा, लगभग 10000 सुरक्षा जवानों की तैनाती की जा रही है जो यात्रा मार्ग और पवित्र गुफा क्षेत्र में निरंतर गश्त करेंगे।
श्रद्धालुओं को क्या सलाह दी गई?
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यात्रा की तैयारी पूरी करने से पहले शारीरिक फिटनेस का ध्यान रखें।
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यात्रा से पहले पंजीकरण कराना अनिवार्य है। बिना पंजीकरण के किसी को भी यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी।
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मौसम की जानकारी लेकर ही यात्रा पर निकलें, क्योंकि मानसून के दौरान भूस्खलन और बारिश से मार्ग अवरुद्ध हो सकता है।
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गाइड, पुलिस और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
निष्कर्ष
अमरनाथ यात्रा 2025 एक बार फिर से आस्था, चुनौती और प्रकृति की परीक्षा का संगम बनने जा रही है। सुरक्षा और व्यवस्था को देखते हुए प्रशासन ने कई नए कदम उठाए हैं, जिनमें नो फ्लाइंग जोन एक अहम फैसला है।
जो श्रद्धालु हेलीकॉप्टर से यात्रा करने की योजना बना रहे थे, उन्हें अब पैदल यात्रा के लिए तैयार रहना चाहिए। साथ ही, श्रद्धालुओं को श्राइन बोर्ड की वेबसाइट और आधिकारिक सूचना स्रोतों से जुड़े रहना चाहिए, ताकि उन्हें यात्रा के दौरान किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
जय बाबा बर्फानी!