देश के युवाओं के लिए सरकारी नौकरी हमेशा से एक बड़ा आकर्षण रही है, खासकर जब रोजगार के अवसर सीमित हों और प्रतियोगिता तीव्र हो। इस बीच, केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने एक बड़ी और उत्साहजनक घोषणा की है, जो खासकर पूर्वोत्तर भारत के युवाओं के लिए नई उम्मीद लेकर आई है। उन्होंने कहा कि आने वाले 10 वर्षों में मैरीटाइम सेक्टर में पूर्वोत्तर राज्यों के 50,000 युवाओं को नौकरी दी जाएगी, जिससे इस क्षेत्र के युवाओं के लिए रोजगार के नये द्वार खुलेंगे।
पूर्वोत्तर के युवाओं के लिए सुनहरा मौका
सर्बानंद सोनोवाल ने इस योजना के तहत पूर्वोत्तर के युवाओं को विशेष प्रशिक्षण देने का भी ऐलान किया है। इसके लिए पहले ही पूर्वोत्तर कौशल विकास केंद्र की स्थापना की जा चुकी है, जो युवाओं को नौवहन, जहाजरानी, पोर्ट संचालन और जलमार्ग जैसे क्षेत्रों में दक्ष बनाएगा। इसके अलावा डिब्रूगढ़ में एक अल्ट्रा मॉडर्न मैरीटाइम ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट बनाया जा रहा है, जो एक एक्सीलेंस सेंटर के रूप में काम करेगा। इस केंद्र के जरिए युवाओं को आधुनिक तकनीकी ज्ञान के साथ प्रशिक्षित कर रोजगार के अवसरों के लिए तैयार किया जाएगा।
यह पहल पूर्वोत्तर के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह क्षेत्र अब तक औद्योगिक और आर्थिक दृष्टि से देश के अन्य हिस्सों की तुलना में पिछड़ा हुआ माना जाता था। अब यह बदलाव की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा।
भारत का मैरीटाइम सेक्टर: वैश्विक स्तर पर लक्ष्य
केंद्रीय मंत्री सोनोवाल ने गुवाहाटी के विवांता होटल में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह सब ‘मैरीटाइम इंडिया विजन 2030’ के तहत किया जा रहा है। उनका लक्ष्य है कि 2030 तक भारत को दुनिया के टॉप 10 जहाज निर्माण करने वाले देशों में शामिल किया जाए, और 2047 तक इसे टॉप 5 देशों की सूची में लाया जाए।
यह महत्वाकांक्षी लक्ष्य भारत के आर्थिक और औद्योगिक विकास के लिए भी बेहद अहम है। मैरीटाइम सेक्टर में वृद्धि का मतलब है बेहतर व्यापार, बढ़े हुए निर्यात, और नौकायन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता। इसके साथ ही देश में नौवहन और जलमार्ग से जुड़ी अन्य सुविधाएं भी मजबूत होंगी, जो रोजगार और आर्थिक समृद्धि दोनों के लिए लाभकारी सिद्ध होंगी।
विदेशी निवेश की बढ़ती रूचि
सर्बानंद सोनोवाल ने बताया कि दुनियाभर की बड़ी शिपिंग कंपनियां अब भारत में निवेश के लिए उत्सुक हैं। यह एक अच्छा संकेत है कि भारत का मैरीटाइम सेक्टर तेजी से उभर रहा है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर रहा है। विदेशी निवेश से भारत की नौवहन क्षमताएं बेहतर होंगी, जिससे औद्योगिक विकास और रोजगार के और अवसर मिलेंगे।
यह योजना विशेष रूप से गरीब और पिछड़े वर्ग के युवाओं को भी फायदा पहुंचाएगी, जो इस क्षेत्र में कुशल बनकर अपने जीवन स्तर को बेहतर बना सकेंगे।
ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे 4 लाइटहाउस
इसके अलावा, मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने यह भी घोषणा की है कि सरकार ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे 4 नए लाइटहाउस बनाएगी। ये लाइटहाउस गुवाहाटी, डिब्रूगढ़, सिलघाट और विश्वनाथ में स्थापित किए जाएंगे।
लाइटहाउस केवल जहाजों को सुरक्षित मार्ग दिखाने का काम नहीं करेंगे, बल्कि वे मौसम विभाग के पूर्वानुमान और पर्यटक आकर्षण के तौर पर भी काम करेंगे। इसके लिए सरकार पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के साथ समन्वय कर रही है। यह कदम जलमार्ग के विकास में एक नया आयाम जोड़ने वाला है, जो पर्यावरण, पर्यटन और नौवहन के क्षेत्र में सहायक सिद्ध होगा।
निष्कर्ष
सर्बानंद सोनोवाल की यह योजना पूर्वोत्तर के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खोलेगी और भारत के मैरीटाइम सेक्टर को एक वैश्विक खिलाड़ी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। 50,000 नौकरियों के अलावा, कौशल विकास केंद्र और अल्ट्रा मॉडर्न ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट युवाओं को आधुनिक तकनीकों से लैस कर भारत को मैरीटाइम इंडिया विजन 2030 के लक्ष्य की ओर तेजी से अग्रसर करेंगे।
ब्रहमपुत्र के किनारे बनने वाले लाइटहाउस न केवल नौवहन की सुरक्षा बढ़ाएंगे, बल्कि पर्यटन और जलमार्ग विकास के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होंगे। यह पहल भारत की आर्थिक समृद्धि, पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास और युवाओं के उज्जवल भविष्य की दिशा में एक बड़ा कदम है।