राजस्थान के सीकर जिले की पुलिस ने अंतरराज्यीय 'लुटेरी दुल्हन' गिरोह की मुख्य आरोपी काजल को आखिरकार हरियाणा के गुरुग्राम से गिरफ्तार कर लिया है। काजल पर अपने परिवार के साथ मिलकर कई कुंवारे और धनी युवकों को फर्जी शादी के झांसे में फंसाने और उन्हें लाखों का चूना लगाकर भाग जाने का आरोप है। काजल की गिरफ्तारी सीकर जिले के दांतारामगढ़ थाने में दर्ज एक शिकायत के एक साल बाद हुई है। यह शिकायत राजस्थान निवासी ताराचंद जाट के दो बेटों ने दर्ज करवाई थी, जिन्होंने सामाजिक बदनामी के डर को दरकिनार करते हुए न्याय के लिए पुलिस का दरवाजा खटखटाया।
पूरा परिवार पहले ही गिरफ्तार
पुलिस के अनुसार, काजल इस पूरे ठगी गिरोह की सक्रिय सदस्य थी, जिसके पिता भगत सिंह, मां सरोज, बहन तमन्ना और भाई सूरज को इस मामले में पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था। लेकिन काजल पिछले एक साल से पुलिस को चकमा दे रही थी और लगातार अपनी लोकेशन बदल रही थी।
तकनीकी निगरानी और मोबाइल लोकेशन ट्रेसिंग की मदद से सीकर पुलिस आखिरकार गुरुग्राम के सरस्वती इन्क्लेव इलाके तक पहुंची। पुलिस ने गली नंबर दो के एक मकान से काजल को गिरफ्तार किया। वह वहां अंकित नामक व्यक्ति के घर किराए पर रह रही थी। पुलिस ने बताया कि काजल का परिवार मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के गोवर्धन का रहने वाला है। इस गिरोह पर राजस्थान के जयपुर और सीकर सहित कई जिलों में फर्जी शादियां कर अमीर लेकिन शादी के लिए संघर्ष कर रहे युवकों को ठगने के कई आरोप दर्ज हैं।
ताराचंद जाट को ऐसे फंसाया गया
ताराचंद जाट ने 26 नवंबर 2024 को दांतारामगढ़ थाने में अपने बेटों भंवर लाल और शंकर लाल के साथ मिलकर शिकायत दर्ज कराई थी। ताराचंद की मुलाकात जयपुर में गिरोह के सरगना भगत सिंह से हुई थी। भगत सिंह ने अपने दो बेटों की शादी के बदले अपनी दो बेटियों काजल और तमन्ना से उनके बेटों की शादी का प्रस्ताव रखा। शादी की तैयारियों और अन्य व्यवस्थाओं के नाम पर, भगत सिंह ने ताराचंद से ₹11 लाख की मोटी रकम ऐंठ ली। ताराचंद ने भरोसा करके यह राशि भगत सिंह को सौंप दी।
शादी के तीसरे दिन हुआ पर्दाफाश
ताराचंद की शिकायत के मुताबिक, 21 मई 2024 को खाचरियावास के गोविंद अस्पताल के गेस्ट हाउस में भगत सिंह, उसकी पत्नी, बेटे और दोनों बेटियां (काजल और तमन्ना) पहुंचे। यहां धूमधाम से ताराचंद के दोनों बेटों के साथ दोनों लड़कियों की शादी संपन्न हुई। शादी के बाद भगत सिंह का पूरा परिवार दो दिन तक ताराचंद के साथ रहा। लेकिन तीसरे ही दिन, पूरा गिरोह अचानक बिना किसी को बताए गहने, नकदी और कपड़े लेकर फरार हो गया। ताराचंद और उनके बेटों को न केवल लाखों का आर्थिक नुकसान हुआ, बल्कि सामाजिक अपमान का भी सामना करना पड़ा।
पिता था गिरोह का मास्टरमाइंड
पूछताछ में काजल ने खुलासा किया कि उसके पिता भगत सिंह ने ठगी का यह सुनियोजित नेटवर्क खड़ा किया था। इस गिरोह का तरीका था कि वे अपनी बेटियों को कुंवारा बताकर उन धनी परिवारों को तलाशते थे, जहां लड़कों की शादी आसानी से नहीं हो रही थी। काजल और तमन्ना को इस धंधे में मुख्य भूमिका दी गई थी, क्योंकि उनकी शादी के माध्यम से दूल्हे के परिवार का विश्वास जीता जाता था।
यह गिरोह राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्यों में सक्रिय था। चौंकाने वाली बात यह है कि शादी के दो-तीन दिन के दौरान ये लड़कियां अपने पतियों के साथ किसी तरह का शारीरिक संबंध नहीं बनाती थीं, ताकि ठगी के बाद वे आसानी से भाग सकें। फिलहाल पुलिस आगे की कानूनी कार्रवाई कर रही है और गिरोह के अन्य शिकारों की तलाश जारी है।