ब्राजील की राजधानी रियो डी जेनेरियो शहर के फेवलाज इलाके में पिछले महीने चलाए गए एक बड़े सैन्य ऑपरेशन ने सैंकड़ों लोगों की जान ले ली थी। 28 अक्टूबर को किए गए इस 'ऑपरेशन कंटेनमेंट' के बाद सड़कों पर शवों की लंबी कतारें देखी गई थीं, जिसने देश और दुनिया का ध्यान खींचा।
इस बड़े पैमाने के ऑपरेशन में लगभग 2,500 पुलिसकर्मी और सैनिक शामिल थे। पुलिसिया गोलीबारी में कुल 132 लोग मारे गए थे, जिनमें से 117 लोग ब्राजील की सबसे कुख्यात और खूंखार आपराधिक संस्था 'रेड कमांड गैंग' के सक्रिय सदस्य थे। इस कार्रवाई के दौरान पुलिस ने 118 हथियार, 14 विस्फोटक और भारी मात्रा में, लगभग एक टन ड्रग्स जब्त किया।
क्या है 'रेड कमांड गैंग'
रेड कमांड गैंग ब्राजील का सबसे कुख्यात और शक्तिशाली आपराधिक नेटवर्क है, जिसका मुख्य संबंध ड्रग्स तस्करी से है।
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उत्पत्ति: रेड कमांड गैंग की शुरुआत 1979 में रियो की कैंडिडो मेंडेस जेल से हुई थी। इस जेल में आम अपराधी और राजनीतिक कैदियों को एक साथ रखा गया था। जेल के अंदर इन अपराधियों ने संगठित होकर 'फालांगे वर्मेल्हा' (Falange Vermelha) नाम से अपना संगठन बनाया, जो बाद में 'रेड कमांड' के नाम से जाना गया।
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दबदबा: जानकारी के अनुसार, ब्राजील की राजनीति और समाज में इस गैंग का गहरा दबदबा है। गैंग के 30 हज़ार से अधिक सक्रिय सदस्य बताए जाते हैं।
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आर्थिक शक्ति: यह गैंग अवैध कारोबार के माध्यम से सालाना लगभग 2.27 लाख करोड़ रुपए से अधिक की आमदनी करता है। 1980 के दशक तक, इसने रियो के लगभग 70% ड्रग पॉइंट्स पर अपना कब्जा जमा लिया था।
ड्रग्स और काले धंधे में गहरी पैठ
रेड कमांड गैंग कोकीन और अन्य ड्रग्स के अवैध कारोबार का बेताज बादशाह बन चुका है। हालाँकि, गैंग का कारोबार अब केवल ड्रग्स तक सीमित नहीं रहा है। यह गैंग अन्य अवैध गतिविधियों में भी शामिल है, जिनमें शामिल हैं:
इस गैंग के सदस्य अब केवल अपराधी तक सीमित नहीं हैं। वे देश की विभिन्न संस्थाओं में घुसपैठ कर चुके हैं। अब वे पुलिस, राजनीति और व्यापार के क्षेत्रों में भी सक्रिय हैं और वहीं से अपने नेटवर्क का संचालन कर रहे हैं। इस गहरी पैठ ने गैंग को ब्राजील की राष्ट्रीय सुरक्षा और कानून व्यवस्था के लिए एक जटिल और गंभीर खतरा बना दिया है।