ढाका: बांग्लादेश की राजधानी ढाका एक बार फिर हिंसक प्रदर्शनों और बम विस्फोटों के कारण अफरा-तफरी के माहौल में डूब गई है। पिछले साल हुई हिंसा को अभी एक साल ही पूरे हुए थे कि देश में राजनीतिक तनाव के चलते एक बार फिर अशांति फैल गई है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने रविवार को ढाका में कई जगहों पर बम धमाकों की पुष्टि की है, जिसके बाद लोग दहशत में हैं। यह हिंसा ऐसे समय में भड़की है जब पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर लगे आरोपों पर अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) का बहुप्रतीक्षित फैसला आज (सोमवार) आने वाला है। देश में हिंसा का स्तर लगातार बढ़ता देख ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (DMP) आयुक्त शेख मोहम्मद सज्जाद अली ने हिंसा करने वालों को देखते ही गोली मारने का सख्त आदेश जारी कर दिया है, जिससे पूरे बांग्लादेश में हाई अलर्ट जारी है।
ढाका में बम धमाकों से दहशत
राजधानी ढाका में एक के बाद एक हुए कई बम धमाकों ने शहर को झकझोर कर रख दिया है। हालांकि, इन धमाकों में अभी तक किसी भी जानमाल की हानि की कोई खबर सामने नहीं आई है, लेकिन इन घटनाओं ने नागरिकों में गंभीर दहशत पैदा कर दी है। इन विस्फोटों के पीछे कौन है, इसकी जांच की जा रही है, लेकिन माना जा रहा है कि यह शेख हसीना पर आने वाले कोर्ट के फैसले से पहले राजनीतिक माहौल को और गरमाने की कोशिश है।
शेख हसीना पर मानवता के खिलाफ कार्रवाई का आरोप
पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर आरोप है कि पिछले साल हुई हिंसा के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में मानवता के खिलाफ कदम उठाए थे। उन पर यह आरोप है कि हिंसा पर काबू पाने के लिए उन्होंने प्रदर्शन कर रहे छात्रों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया था। हालांकि, शेख हसीना ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। इसी मामले पर ICT में लंबे समय से बहस चल रही थी, जिस पर कोर्ट आज अपना अंतिम फैसला सुनाने वाला है। यह फैसला बांग्लादेश की राजनीतिक दिशा को तय करने में अहम भूमिका निभा सकता है।
हसीना का ऑडियो संदेश और 'पूर्ण बंद' का आह्वान
अदालत के फैसले से पहले, पूर्व पीएम शेख हसीना ने अपने समर्थकों और जनता के लिए एक ऑडियो मैसेज जारी किया है। इस संदेश में उन्होंने लोगों से आंदोलन और तेज करने की भावुक अपील की है। उनकी पार्टी आवामी लीग के समर्थकों ने इस राजनीतिक संकट के बीच बांग्लादेश में देशव्यापी 'पूर्ण बंद' (Complete Shutdown) की घोषणा कर दी है, जिससे देश में हिंसा भड़कने का डर और बढ़ गया है। ढाका पुलिस प्रमुख का 'गोली मारने का आदेश' दर्शाता है कि अंतरिम सरकार किसी भी कीमत पर कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैयार है, जबकि विपक्षी दल इसे तानाशाही कार्रवाई करार दे रहे हैं। पूरे बांग्लादेश में तनाव चरम पर है और सभी की निगाहें ICT के फैसले और उसके बाद की राजनीतिक प्रतिक्रियाओं पर टिकी हैं।