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अंतरिक्ष में AI मॉडल को प्रशिक्षित करना क्यों है एक बड़ा तकनीकी मील का पत्थर?

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Posted On:Friday, December 12, 2025

मुंबई, 12 दिसंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) अंतरिक्ष में एक AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) मॉडल को सफलतापूर्वक प्रशिक्षित (ट्रेन) करने के हालिया कारनामे को तकनीकी दुनिया में एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। एक छोटी स्टार्टअप कंपनी स्टारक्लाउड (Starcloud) ने पृथ्वी से दूर अंतरिक्ष में डेटा सेंटर (Data Center) स्थापित करने की साइ-फाई अवधारणा को हकीकत में बदलने का संकेत दिया है।

अंतरिक्ष में पहला AI: क्या हुआ?

हाल ही में लॉन्च किए गए स्टारक्लाउड-1 उपग्रह में, गूगल के ओपन-वेट स्मॉल लैंग्वेज मॉडल (LLM) जेम्मा (Gemma) के एक फाइन-ट्यून्ड वेरिएंट को Nvidia H100 GPU हार्डवेयर का उपयोग करके सफलतापूर्वक प्रशिक्षित और संचालित किया गया।

इस मॉडल को उपग्रह के टेलीमेट्री (दूरमाप) और अन्य सेंसरों के साथ एकीकृत किया गया है।

यह अब पृथ्वी पर उपयोगकर्ताओं को उपग्रह के स्थान (Location) और स्थिति के बारे में जानकारी देता है। उदाहरण के लिए, यह बता सकता है: "मैं अफ्रीका के ऊपर हूँ, और 20 मिनट में मैं मध्य पूर्व के ऊपर होऊंगा।"

स्टारक्लाउड ने शेक्सपियर के पूरे कार्यों पर OpenAI के सह-संस्थापक एंड्रेज कार्पेथी द्वारा बनाए गए LLM नैनो-जीपीटी (NanoGPT) को भी अंतरिक्ष-आधारित H100 चिप पर प्रशिक्षित किया है।

पृथ्वी-आधारित डेटा सेंटरों की समस्या

AI बुनियादी ढांचे की बढ़ती मांग से पृथ्वी के संसाधन तेजी से प्रभावित हो रहे हैं। जमीन पर मौजूद बड़े डेटा सेंटरों की प्रमुख चुनौतियां ये हैं:
  • विशाल ऊर्जा खपत: अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) के अनुसार, 2026 तक डेटा सेंटरों की बिजली की खपत दोगुनी हो सकती है।
  • पर्यावरण पर बोझ: ये सेंटर प्रतिदिन लाखों लीटर पानी का उपभोग करते हैं और भारी मात्रा में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन करते हैं, जिससे कई तकनीकी कंपनियों के 2030 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन (Net Zero) लक्ष्य खतरे में पड़ रहे हैं।


🛰️ कक्षीय डेटा सेंटर क्यों हैं समाधान?

अंतरिक्ष को AI चिप्स के लिए नया ठिकाना बनाना कई मायनों में आकर्षक है:
  • असीमित सौर ऊर्जा: पृथ्वी की दिन-रात की चक्रीयता और मौसम संबंधी परिवर्तनों से अप्रभावित, ये उपग्रह लगातार सूर्य की ऊर्जा का उपयोग कर सकते हैं। * कम परिचालन लागत: स्टारक्लाउड के सीईओ फिलिप जॉनस्टन के अनुसार, उनके कक्षीय डेटा सेंटरों में ऊर्जा लागत पृथ्वी-आधारित सेंटरों की तुलना में 10 गुना कम होगी।
  • गति लाभ: निर्वात (vacuum) में प्रकाश की गति सामान्य फाइबर ऑप्टिक ग्लास की तुलना में 35% तेज होती है, जिसका उपयोग डेटा ट्रांसमिशन में किया जा सकता है।
  • स्टारक्लाउड ने अगले साल 4 किलोमीटर चौड़ाई और ऊँचाई वाले सौर और शीतलन पैनलों के साथ 5 गीगावाट का कक्षीय डेटा सेंटर बनाने की योजना बनाई है।


आगे की राह और चुनौतियाँ

हालांकि यह एक बड़ी सफलता है, लेकिन अंतरिक्ष में डेटा सेंटर चलाने के साथ कई जटिल चुनौतियाँ भी जुड़ी हैं, जिनमें कठोर विकिरण (harsh radiation), अंतरिक्ष के मलबे से खतरा और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का छोटा जीवनकाल शामिल है। स्टारक्लाउड को उम्मीद है कि उनके उपग्रहों का जीवनकाल 5 साल होगा।

इसके बावजूद, यह सफलता एक बिल्कुल नए उद्योग के जन्म का संकेत देती है, जहां Google (प्रोजेक्ट सनकैचर) और SpaceX जैसी दिग्गज कंपनियाँ भी कक्षीय डेटा सेंटर मिशनों पर काम कर रही हैं।


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