भारतीय क्रिकेटर श्रेयस अय्यर को सिडनी में एक शानदार कैच लेते समय अजीब तरह से जमीन पर गिरने के बाद पसली क्षेत्र के पास तिल्ली (Spleen) में गंभीर चोट लगी है। शुरू में इसे साधारण पसली की चोट माना गया था, लेकिन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने बाद में पुष्टि की कि अय्यर को स्प्लीन लैसरेशन (Splenic Laceration) है, और उनकी हालत पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। यह चोट मैदान पर लगने वाली चोटों में सबसे नाजुक और संभावित रूप से जानलेवा हो सकती है।
तिल्ली क्या है और इसका काम क्या है?
तिल्ली, जिसे प्लीहा भी कहते हैं, एक मुलायम और मुट्ठी के आकार का अंग है जो पसलियों के बाईं ओर ठीक नीचे स्थित होता है। यह अंग दो प्रमुख कार्य करता है:
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रोग प्रतिरोधक क्षमता: यह संक्रमण से लड़ने में मदद करता है।
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रक्त शोधन: यह पुरानी या क्षतिग्रस्त लाल रक्त कोशिकाओं (Red Blood Cells) को हटाकर खून को साफ करता है।
चूँकि यह अंग ब्लड वेसल्स से घिरा होता है, इसलिए यह शरीर के सबसे नाजुक अंगों में से एक है। तिल्ली एक फ़िल्टर की तरह काम करती है, जहाँ श्वेत रक्त कोशिकाएँ (White Blood Cells) खून से बैक्टीरिया, वायरस और खराब रक्त कोशिकाओं को हटाकर नष्ट कर देती हैं।
चोट की गंभीरता और जोखिम
जब बाईं ओर कोई जोरदार चोट लगती है, जैसे कि ज़मीन पर तेज़ी से गिरना या पसलियों में आघात, तो तिल्ली फट सकती है (Splenic Laceration) और शरीर के अंदरूनी हिस्सों में गंभीर रूप से रक्तस्राव हो सकता है। मेडीकल वेबसाइट 'UpToDate' के अनुसार, तिल्ली की चोट बहुत हल्की खरोंच से लेकर जानलेवा तक हो सकती है, जो घाव की गहराई और खून बहने की मात्रा पर निर्भर करता है। डॉक्टर नुकसान की गंभीरता का पता लगाने के लिए सीटी स्कैन (CT Scan) का उपयोग करते हैं।
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मामूली चोट: छोटी खरोंच या घाव होने पर यह अक्सर अपने आप ठीक हो जाता है।
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गंभीर चोट: अंदरूनी रक्तस्राव या गंभीर फटने की स्थिति में तुरंत सर्जरी या रक्त वाहिकाओं को ब्लॉक करने के लिए एंबोलिज़ेशन की आवश्यकता पड़ सकती है। सबसे गंभीर मामलों में, तिल्ली को हटाने के लिए सर्जरी (Splenectomy) करनी पड़ती है।
उपचार और रिकवरी का रास्ता
हर तिल्ली की चोट के लिए सर्जरी की ज़रूरत नहीं होती है। महत्वपूर्ण यह है कि मरीज़ की स्थिति स्थिर (Stable) है या नहीं—अर्थात उसका रक्तचाप सामान्य है और अत्यधिक रक्तस्राव नहीं हो रहा है। अगर श्रेयस की हालत स्थिर रहती है, तो डॉक्टरों द्वारा उन्हें शुरुआत में कुछ दिनों तक आईसीयू (ICU) में कड़ी निगरानी में रखा जाएगा। यदि स्कैन से पता चलता है कि रक्तस्राव बंद हो गया है, तो शरीर की प्राकृतिक उपचार प्रक्रिया शुरू हो जाती है।
रिकवरी टाइमलाइन: तिल्ली को पूरी तरह से ठीक होने में कम से कम 6 से 12 सप्ताह लग सकते हैं। इस दौरान किसी भी तरह के शारीरिक संपर्क, चोट या भारी गतिविधि से बचने की सख्त सलाह दी जाती है, क्योंकि दोबारा चोट लगने से रक्तस्राव फिर से शुरू हो सकता है।
इसका मतलब है कि श्रेयस अय्यर लगभग तीन महीने तक क्रिकेट मैदान से दूर रह सकते हैं। एथलेटिक और फिट होने के कारण डॉक्टरों को उनके पूरी तरह से ठीक होने की उम्मीद है, लेकिन उन्हें मैदान पर लौटने से पहले पूरी तरह से सुनिश्चित होना होगा कि तिल्ली पूरी तरह से ठीक हो गई है। श्रेयस भाग्यशाली थे कि उन्हें तुरंत मेडिकल सहायता मिली, जिससे गंभीर आंतरिक रक्तस्राव की स्थिति बिगड़ने से पहले ही इलाज शुरू हो गया।