तीसरे टेस्ट से पहले ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड के बाहर होने की खबर के बीच, इंग्लैंड क्रिकेट टीम को भी एक करारा झटका लगा है. इंग्लैंड के अनुभवी तेज गेंदबाज मार्क वुड बाएं घुटने की चोट के कारण पूरी एशेज सीरीज से बाहर हो गए हैं. 35 वर्षीय वुड को यह चोट पर्थ में खेले गए पहले टेस्ट मैच के दौरान फिर से उभर आई थी, जिसके कारण वह ब्रिस्बेन में हुए दूसरे टेस्ट से भी बाहर रहे. अब, इस चोट की गंभीरता को देखते हुए, वह 17 दिसंबर से एडिलेड में शुरू होने जा रहे अंतिम तीन टेस्ट मैचों में हिस्सा नहीं ले पाएंगे.
मार्क वुड की फिटनेस पर फिर उठे सवाल
मार्क वुड को घुटने की चोट लंबे समय से परेशान कर रही है. इस साल फरवरी में भी उनकी सर्जरी हुई थी, लेकिन पर्थ टेस्ट के दौरान यह चोट दोबारा उभर गई. इस चोट से उबरने के लिए मार्क वुड सप्ताह के अंत तक स्वदेश लौटेंगे और इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड (ECB) के तत्वावधान में होने वाले रिहैब प्रोग्राम में शामिल होंगे.
बार-बार चोट लगने के कारण मार्क वुड की टेस्ट क्रिकेट में फिटनेस अब सवालों के घेरे में आ गई है. उनकी गति और आक्रामकता इंग्लैंड की गेंदबाजी आक्रमण के लिए बेहद महत्वपूर्ण थी, और सीरीज के अहम पड़ाव पर उनका बाहर होना टीम के लिए एक बड़ा नुकसान है.
मार्क वुड की जगह मैथ्यू फिशर को मिली टीम में जगह
मार्क वुड के बाहर होने के बाद इंग्लैंड ने उनकी जगह सरे के तेज गेंदबाज मैथ्यू फिशर को एशेज स्क्वॉड में शामिल किया है. फिशर इस समय इंग्लैंड लायंस टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया में मौजूद हैं, जिससे उनका तत्काल टीम के साथ जुड़ना आसान होगा.
28 वर्षीय फिशर का मौजूदा दौरे पर प्रदर्शन मिला-जुला रहा है. उन्होंने लायंस के दौरे के तीन मैचों में दो विकेट लिए हैं, जिसमें लिलाक हिल में हुए अभ्यास मैच में जैक क्रॉली का अहम विकेट भी शामिल है. हालांकि, ब्रिस्बेन में ऑस्ट्रेलिया ए के खिलाफ लायंस की हालिया पारी की हार में, फिशर का प्रदर्शन संघर्षपूर्ण रहा था, जहां उन्होंने 31 ओवरों में 0/105 रन दिए थे.
मैथ्यू फिशर का टेस्ट करियर
मैथ्यू फिशर ने अब तक सिर्फ एक टेस्ट मैच खेला है. यह मुकाबला उन्होंने 2022 में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था, जहां उन्होंने एंटीगुआ में 1/21 का मैच प्रदर्शन किया था.
वुड की गैर-मौजूदगी में, फिशर को टीम में शामिल करना इंग्लैंड के लिए एक जोखिम भरा लेकिन आवश्यक कदम है. टीम मैनेजमेंट को उम्मीद होगी कि फिशर अपनी गति और स्विंग से ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को चुनौती दे सकेंगे और टीम के गेंदबाजी आक्रमण को मजबूती प्रदान करेंगे, खासकर तब जब वे पहले ही सीरीज में पीछे चल रहे हैं.
मार्क वुड का बाहर होना इंग्लैंड के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि उनकी तेज गेंदबाजी क्षमता टीम को वह धार देती थी, जिसकी जरूरत ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर होती है. अब सारा दारोमदार जेम्स एंडरसन, स्टुअर्ट ब्रॉड और नव-शामिल फिशर जैसे गेंदबाजों पर होगा.