ताजा खबर

विदेश सचिव विक्रम मिसरी क्यों हो रहे ट्रोल? समर्थन में उतरे अखिलेश यादव, पूछा- केंद्र चुप क्यों?

Photo Source :

Posted On:Monday, May 12, 2025

भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे तनावपूर्ण हालात के बीच शनिवार शाम 5 बजे सीजफायर लागू हो गया है। जहां एक ओर लोग इस फैसले को तनाव कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम मान रहे हैं, वहीं दूसरी ओर विदेश सचिव विक्रम मिसरी सोशल मीडिया ट्रोलिंग का निशाना बन गए हैं। 7 मई से शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर में जब भारतीय सेना ने पाकिस्तान में आतंकियों के ठिकानों पर हमला किया, तब सरकार की ओर से जानकारी देने के लिए विक्रम मिसरी, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह के साथ मीडिया के सामने आए थे।

मिसरी ने इस प्रेस ब्रीफिंग में भारत का पक्ष मजबूती से रखा, लेकिन सीजफायर की घोषणा के बाद सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल किया जाने लगा। आलोचना की हदें इस कदर पार कर दी गईं कि उनके परिवार की निजी तस्वीरें तक वायरल की जाने लगीं। इसके चलते उन्होंने अपना X (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट प्राइवेट कर लिया।


विक्रम मिसरी को मिला राजनीतिक समर्थन

इस पूरे घटनाक्रम पर राजनीति भी गर्मा गई है। कई विपक्षी नेताओं ने विक्रम मिसरी के समर्थन में बयान दिए हैं और सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं।

असदुद्दीन ओवैसी का बयान

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने विक्रम मिसरी के समर्थन में सामने आते हुए कहा,

“विक्रम मिसरी एक ईमानदार और मेहनती राजनयिक हैं जो भारत की सेवा में दिन-रात लगे हुए हैं। यह याद रखना जरूरी है कि सिविल सेवक कार्यपालिका के अधीन काम करते हैं, और उन्हें राजनीतिक निर्णयों के लिए दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए।”

ओवैसी का यह बयान सीधे तौर पर उन ट्रोल्स को निशाना बनाता है जो नौकरशाहों को राजनीतिक फैसलों के लिए दोषी ठहरा रहे हैं।


अखिलेश यादव का केंद्र सरकार पर हमला

समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव भी विक्रम मिसरी के समर्थन में उतरे और इस ट्रोलिंग को “निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण” बताया। उन्होंने सवाल किया कि केंद्र सरकार इस मुद्दे पर चुप क्यों है?

उन्होंने कहा,

“निर्णय तो सरकार का होता है, किसी अफसर का नहीं। जब एक वरिष्ठ अधिकारी और उसके परिवार को अपमानित किया जा रहा है, तब सरकार की चुप्पी बेहद शर्मनाक है। इससे देश की सेवा में जुटे अधिकारियों का मनोबल टूटता है।”

अखिलेश ने केंद्र सरकार से साइबर सिक्योरिटी, ईडी, सीबीआई और अन्य जांच एजेंसियों को तत्काल सक्रिय करने की मांग की। उन्होंने सोशल मीडिया पर ट्रोल करने वालों के बैंक अकाउंट, ई-पेमेंट और सोशल मीडिया ट्रैकिंग की जांच की बात भी कही।


ट्रोलिंग के पीछे राजनीति?

अखिलेश यादव ने यह भी सवाल उठाया कि कहीं भाजपा सरकार अपनी विफलताओं से ध्यान हटाने के लिए यह सब नहीं कर रही है। उन्होंने कहा,

“भाजपा सरकार यह जानबूझकर करवा रही है ताकि असली मुद्दों से ध्यान भटकाया जा सके। ट्रोलिंग से राष्ट्र के प्रति समर्पित अधिकारियों को निशाना बनाया जा रहा है, यह लोकतंत्र और सेवा भावना दोनों के लिए खतरा है।”


सीजफायर पर सरकार की नीति

गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई को सीजफायर की घोषणा हुई। इसे लेकर दो धड़े बन गए हैं – एक तरफ जो इसे शांति की दिशा में उठाया गया कदम मान रहे हैं, और दूसरी तरफ वे जो इसे भारत की “सॉफ्ट स्टैंड” कह रहे हैं।

विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने जब सीजफायर की जानकारी साझा की, तो उनके खिलाफ ट्रोलिंग शुरू हो गई, क्योंकि कई लोग यह उम्मीद कर रहे थे कि भारत, ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान को और कड़ा जवाब देगा।


विक्रम मिसरी: एक योग्य राजनयिक

विक्रम मिसरी का ट्रैक रिकॉर्ड एक सक्षम और सुलझे हुए राजनयिक का रहा है। वे चीन में भारत के राजदूत, प्रधानमंत्री के निजी सचिव और अहम कूटनीतिक वार्ताओं के सदस्य रह चुके हैं। उनका ट्रोल होना भारत की कूटनीतिक संस्कृति पर सवाल खड़ा करता है। यह सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, बल्कि उस पूरी व्यवस्था पर हमला है जो भारत को वैश्विक मंचों पर मजबूती से पेश कर रही है।


सोशल मीडिया की ज़िम्मेदारी पर बहस

इस पूरे प्रकरण ने सोशल मीडिया की जवाबदेही पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। विक्रम मिसरी जैसे वरिष्ठ अधिकारी को ट्रोल करना केवल निंदनीय नहीं, बल्कि खतरनाक भी है। इससे अन्य अधिकारियों में असुरक्षा की भावना पनप सकती है, जिससे उनकी कार्यक्षमता पर असर पड़ता है।


निष्कर्ष

विदेश सचिव विक्रम मिसरी का ट्रोल होना न केवल एक व्यक्ति पर हमला है, बल्कि भारत की संवैधानिक और प्रशासनिक संस्थाओं की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने जैसा है। यह घटना यह भी दर्शाती है कि जब तक सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं होगी, तब तक देश के लिए निष्ठा से काम कर रहे लोगों को अपमानित किया जाता रहेगा।

अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या केंद्र सरकार इस मामले में सक्रिय होती है या चुप रहती है? क्या सोशल मीडिया ट्रोलिंग के खिलाफ कोई ठोस नीति बनाई जाएगी? और क्या आने वाले समय में अफसरों को इस तरह के हमलों से बचाया जा सकेगा?


उज्जैन और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. ujjainvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.