सोमवार, 12 मई को भारतीय शेयर बाजार में एक शानदार तेजी देखने को मिली, जो बाजार के लिए एक बेहतरीन संकेत के रूप में सामने आई। सेंसेक्स और निफ्टी ने फरवरी 2021 के बाद से अपनी सबसे बड़ी बढ़त दर्ज की। इंट्राडे ट्रेड के दौरान सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में करीब 3.8% की तेजी आई। यह तेजी तब आई जब भारतीय बाजार में बुल रन का माहौल बन गया, जिससे निवेशकों ने उत्साहित होकर बाजार में पूंजी निवेश करना शुरू किया। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस तेजी के पीछे कई महत्वपूर्ण घटनाएँ हैं, जिनमें भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम, डीजीएमओ की प्रेस ब्रिफिंग, और अमेरिका-चीन के बीच सीमा शुल्क संबंधी समझौते की घोषणा प्रमुख हैं। इन घटनाओं ने निवेशकों के बीच सकारात्मक उम्मीदें जगाई, जिससे भारतीय बाजार में उछाल आया।
सेंसेक्स और निफ्टी का शानदार प्रदर्शन:
बंबई शेयर बाजार (BSE) का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स सोमवार को 2975.43 अंक की बढ़त के साथ 82,429.90 अंक पर पहुंच गया। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 916.70 अंक यानी 3.82% की तेजी के साथ 24,924.70 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान निफ्टी ने 24,944.80 अंक तक का उच्चतम स्तर छुआ। निफ्टी बैंक इंडेक्स ने भी 5 महीनों में अपनी सबसे बड़ी एकल सत्र वृद्धि दर्ज की, जो इस बात का संकेत है कि बाजार में व्यापक उछाल है। यह तेजी संकेत देती है कि भारतीय शेयर बाजार में न केवल बड़े कंपनियों के शेयर, बल्कि छोटे और मंझले शेयरों में भी अच्छी गति देखने को मिल रही है।
भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम का प्रभाव:
शेयर बाजार में यह तेजी एक प्रमुख कारण से देखी गई, जो था भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम की घोषणा। यह संघर्ष विराम 12 मई को हुआ था, और इससे निवेशकों के बीच एक नई आशा जगी। मेहता इक्विटीज के प्रशांत तापसे का कहना है कि ऐतिहासिक रूप से, जब सीमा पार तनाव कम होता है, तो बाजार में सकारात्मक रुझान देखने को मिलता है। निवेशक इसे एक संकेत के रूप में लेते हैं कि युद्ध की स्थिति नहीं होगी, और इससे दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता का लाभ मिल सकता है।
अमेरिका-चीन व्यापारिक समझौता:
इसके अलावा, अमेरिका और चीन के बीच सीमा शुल्क (टैरिफ) को लेकर हुए समझौते की घोषणा ने भी वैश्विक बाजारों में सकारात्मक प्रभाव डाला। इस समझौते से दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव कम हुआ है, जिससे भारत सहित अन्य देशों को भी फायदा हो सकता है। HDFC सिक्योरिटीज के देवर्ष वकील का मानना है कि अमेरिका-चीन के बीच बढ़ी हुई बातचीत और व्यापारिक स्थिरता से भारतीय निवेशकों में उत्साह बढ़ा है। इससे भारतीय बाजारों में भी तेजी आई है और निवेशकों का विश्वास मजबूत हुआ है।
निवेशकों की रणनीति और बाजार की स्थिति:
विश्लेषकों का कहना है कि वर्तमान बाजार स्थिति से निवेशकों को अवसर मिल सकते हैं। ET Now के मुताबिक, आनंद राठी स्टॉक ब्रोकर्स के जिगर पटेल ने बताया कि "सीमा पार तनाव के कम होने के कारण सोमवार को बुल रन की तेजी से भागने लगा।" उन्होंने कहा कि 13 मई के लिए 83,000 पर रेजिस्टेंस और 82,000 पर सपोर्ट लेवल निर्धारित किए गए हैं। उनका मानना है कि अगर बाजार 83,000 के स्तर को पार करता है, तो इससे आगे और तेजी देखने को मिल सकती है। वहीं, अगर सेंसेक्स 82,000 से नीचे गिरता है, तो यह प्रॉफिट बुकिंग को बढ़ावा दे सकता है।
कोटक सिक्योरिटीज के श्रीकांत चौहान का कहना है कि डेली चार्ट पर एक लॉन्ग टर्म मोमेंटम वाली कैंडल बन रही है, जो आगे की तेजी का संकेत देती है। उनके अनुसार, इंट्राडे चार्ट पर ब्रेकआउट बनते हुए दिखाई दे रहे हैं, जो मौजूदा स्तरों से आगे बढ़ने के संकेत देते हैं। उनका मानना है कि दिन के व्यापारियों के लिए आदर्श रणनीति इंट्राडे डिप्स पर खरीदारी करना और रैलियों पर बेचना हो सकती है। यह रणनीति निवेशकों को लाभ प्रदान कर सकती है, क्योंकि बाजार में तेजी के बावजूद उतार-चढ़ाव जारी रहता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन ने भी बाजार में सकारात्मक माहौल को बढ़ावा दिया। प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान को स्पष्ट संकेत दिए कि व्यापार और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते। उन्होंने यह भी कहा कि भारत किसी भी "परमाणु ब्लैकमेल" को बर्दाश्त नहीं करेगा। इस बयान ने निवेशकों के बीच एक और सकारात्मक संदेश दिया कि भारत अपनी सुरक्षा और संप्रभुता को लेकर गंभीर है, और इसका अर्थ वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत के स्थिरता को बढ़ावा देने के रूप में देखा जा रहा है।
निष्कर्ष:
भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को जो शानदार तेजी देखने को मिली, उसके पीछे कई सकारात्मक घटनाएँ थीं, जिनमें भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम, अमेरिका-चीन व्यापारिक समझौते, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्पष्ट संदेश प्रमुख हैं। इन घटनाओं ने निवेशकों के मनोबल को ऊंचा किया और बाजार में एक नई ऊर्जा का संचार किया। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर बाजार 83,000 के स्तर को पार करता है, तो आगे और तेजी देखने को मिल सकती है। ऐसे में निवेशकों के लिए यह समय सही रणनीतियों के साथ निवेश करने का हो सकता है, ताकि वे इस बढ़ती हुई तेजी का फायदा उठा सकें।