स्टील सेक्टर की दिग्गज कंपनी जिंदल स्टील एंड पावर (JSPL) को लेकर दिग्गज ब्रोकरेज फर्म नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने अपनी हालिया रिपोर्ट में एक मिला-जुला लेकिन भविष्य के लिए सकारात्मक नजरिया पेश किया है। नुवामा ने कंपनी के शेयर के लिए अपने पुराने प्राइस टारगेट में 9.7% की कटौती की है, लेकिन इसके बावजूद ब्रोकरेज स्टॉक पर पूरी तरह बुलिश है और 'बाय' (Buy) रेटिंग को बरकरार रखा है।
आइए विस्तार से समझते हैं कि ब्रोकरेज ने यह बदलाव क्यों किया और कंपनी के भविष्य के लिए क्या अनुमान लगाए हैं।
प्राइस टारगेट में बदलाव और मौजूदा स्थिति
नुवामा ने जिंदल स्टील के लिए प्रति शेयर लक्ष्य मूल्य (Price Target) को ₹1400 से घटाकर ₹1264 कर दिया है। भले ही लक्ष्य में कटौती की गई है, लेकिन यह नया टारगेट भी 24 दिसंबर को बीएसई पर बंद हुए भाव (₹999) से करीब 26.5% की संभावित बढ़त को दर्शाता है। 25 दिसंबर को क्रिसमस के अवसर पर बाजार बंद होने के कारण शेयर इसी स्तर पर बना हुआ है। ₹1 लाख करोड़ से ज्यादा के मार्केट कैप वाली यह कंपनी देश के स्टील सेक्टर की एक मजबूत खिलाड़ी है।
टारगेट घटाने के पीछे के मुख्य कारण
नुवामा के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय और घरेलू बाजार में स्टील की कीमतों में आई गिरावट और उत्पादन की बढ़ती लागत (Raw Material Cost) ने कंपनी के 'स्टील स्प्रेड' (Steel Spreads) पर दबाव डाला है।
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EBITDA में गिरावट: ब्रोकरेज का अनुमान है कि दिसंबर 2025 तिमाही (Q3FY26) में कंपनी का प्रति टन EBITDA तिमाही आधार पर ₹1800 गिरकर ₹8200 प्रति टन रह जाएगा।
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अनुमानों में संशोधन: नुवामा ने भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए वित्त वर्ष 2026, 2027 और 2028 के लिए अपने EBITDA अनुमानों में क्रमशः 16%, 13% और 7% की कमी की है।
भविष्य की ग्रोथ और रिकवरी की उम्मीद
चुनौतियों के बावजूद, नुवामा का मानना है कि अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के बाद स्थितियों में सुधार होगा। ब्रोकरेज ने जिंदल स्टील के लिए लंबी अवधि की ग्रोथ को लेकर काफी उत्साहजनक आंकड़े पेश किए हैं:
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CAGR ग्रोथ: कंपनी के वित्त वर्ष 2025-28 के दौरान अनुमानित 17% की सालाना चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़ने की उम्मीद है।
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EBITDA में उछाल: यदि स्टील की कीमतों में सुधार होता है, तो इसी अवधि के दौरान EBITDA 28% CAGR से बढ़ सकता है।
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लागत और वॉल्यूम का फायदा: वित्त वर्ष 2027 और 2028 में EBITDA प्रति टन ₹3000 से ₹4000 तक बढ़ने की उम्मीद है। इसके पीछे मुख्य कारण उत्पादन की मात्रा (Volume) में वृद्धि और लागत कम करने के कंपनी के प्रयास होंगे।
वित्तीय सेहत और शेयरहोल्डिंग
जिंदल स्टील की बुनियादी स्थिति काफी मजबूत है। सितंबर 2025 तक कंपनी में प्रमोटर्स की हिस्सेदारी 62.37% थी, जो प्रमोटर भरोसे को दर्शाती है।
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हालिया प्रदर्शन: जुलाई-सितंबर 2025 तिमाही में कंपनी का स्टैंडअलोन रेवेन्यू ₹12,108.60 करोड़ और शुद्ध मुनाफा ₹920.67 करोड़ रहा।
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वार्षिक आंकड़े: पूरे वित्त वर्ष 2025 में स्टैंडअलोन रेवेन्यू ₹48,818 करोड़ और शुद्ध मुनाफा ₹3,621.18 करोड़ दर्ज किया गया।
निष्कर्ष: नुवामा की रिपोर्ट यह संकेत देती है कि अल्पकालिक (Short-term) बाधाओं के बावजूद जिंदल स्टील की फंडामेंटल स्थिति मजबूत है। स्टील सेक्टर में आने वाला सुधार और कंपनी की उत्पादन क्षमता में विस्तार भविष्य में निवेशकों को अच्छा रिटर्न दिला सकता है।