Aaj Ka Panchang 10 February 2025: आज 10 फरवरी, 2025 को माघ माह का 28वां दिन है और आज इस माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। आज दिनमान यानी दिन की लंबाई 11 घंटे 04 मिनट 11 सेकंड की है, जबकि रात्रिमान 12 घंटे 55 मिनट 03 सेकंड की होगी। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह शिशिर ऋतु है और सूर्य वर्तमान में उत्तरायण होकर गोचर कर रहे हैं। आइए जानते हैं, 10 फरवरी के पंचांग के पांचों अंग यानी तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण की क्या स्थितियां हैं? आज का कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने के योग दर्शा रहा है और आज का राहु काल का समय क्या है?
 श्री सर्वेश्वर पञ्चाङ्गम् 🌞 🌕
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🚩🔱 धर्मो रक्षति रक्षितः🔱 🚩
     🌅पंचांग- 10.02.2025🌅
युगाब्द - 5125 
संवत्सर - कालयुक्त 
विक्रम संवत् -2081   
शाक:- 1946 
ऋतु-   शिशिर __ उत्तरायण 
मास -  माघ _ शुक्ल पक्ष
वार -   सोमवार 
तिथि-    त्रयोदशी    18:56:49 
नक्षत्र    पुनर्वसु    17:59:53
योग    प्रीति    10:25:31
करण    कौलव    07:07:44
करण    तैतुल    18:56:49
करण    गर    30:52:25
चन्द्र राशि     -  मिथुन    till 11:55
चन्द्र राशि      -कर्क    from 11:55
सूर्य राशि     -  मकर
🚩🌺 आज विशेष 🌺🚩   
  ✍️ 🔅 प्रदोष व्रत
🍁 अग्रिम (आगामी पर्वोत्सव 🍁
🔅 सत्य पूर्णिमा व्रत 
     .   12 फरवरी 2025
          (बुधवार)
 🕉️🚩 यतो धर्मस्ततो जयः🚩🕉️
 पवित्र नदियों, सरोवर में स्नान के समय न करें यह ग़लती। 
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हमारी भारतीय संस्कृति और सभ्यता में हम कण कण में भगवान को देखते है। पवित्र नदियों को माता मानते हैं। 
अतः यहाँ पर किए स्नान पर यदि हम कुछ ग़लतियाँ करते है तो लाभ के स्थान पर दोष लग जाता है। अतः निम्न बातों का रखें ध्यानः- 
१. दाएं हाथ से नदी का जल लेकर बाएँ हाथ में लें और दाएं हाथ की मध्यमा और अनामिका ऊँगली से पूरे शरीर का मार्जन करें। 
२. उसके बाद जिस नदी या सरोवर पर स्नान कर रहें है उनसे हाथ जोड़ कर निवेदन करें क्योंकि नदी माता है और हम स्नान करते समय उसमें पैर रखने जा रहे है अतः पहले ही क्षमा प्रार्थना करें। 
३. जाते ही पहले ही पैर डाल देने से दोष लगता है लाभ की जगह हानि होती है। 
४. स्नान के समय निम्न मंत्र का जाप भी कर सकते हैंः- 
“गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति। नर्मदे सिन्धु कावेरी जलऽस्मिन्सन्निधिं कुरु॥”
५. यदि मंत्र न बोल पाएं तो अपने ईष्ट देव के नाम का सिमरन करते करते स्नान करें। 
६. स्नान करते समय नदी, सरोवर में थूके नहीं न कुल्ला करें। 
७. कभी भी कूदकर या छलांग लगाकर स्नान न करें। वरना पितरों को तकलीफ़ होती है। मर्यादित रहकर स्नान करें। 
 
जय जय श्री सीताराम👏
जय जय श्री ठाकुर जी की👏
(जानकारी अच्छी लगे तो अपने इष्ट मित्रों को जन हितार्थ अवश्य प्रेषित करें।)
ज्यो.पं.पवन भारद्वाज(मिश्रा)
व्याकरणज्योतिषाचार्य
पुजारी -श्री राधा गोपाल मंदिर
 (जयपुर)