मुंबई में आज, शनिवार 1 नवंबर 2025 को महाराष्ट्र की राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम देखने को मिल रहा है. महाविकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे मिलकर चुनाव आयोग के खिलाफ एक विशाल 'सत्या च्या मोर्चा' (सत्य का मोर्चा) निकाल रहे हैं. यह विरोध प्रदर्शन वोटर लिस्ट में कथित गड़बड़ी, वोट चोरी और चुनावी धांधलियों के गैर-जिम्मेदाराना कामकाज के विरोध में आयोजित किया जा रहा है.
ठाकरे परिवार एक मंच पर: उद्धव, राज, आदित्य और अमित
इस मोर्चे का सबसे अहम पहलू यह है कि उद्धव ठाकरे (शिवसेना-यूबीटी) और उनके चचेरे भाई राज ठाकरे (मनसे) एक बार फिर एक साझा राजनीतिक मंच पर विरोध प्रदर्शन के लिए उतरे हैं. उनके साथ उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे और राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे भी मौजूद रहेंगे. यह एकजुटता महाराष्ट्र की राजनीति के लिए एक बड़ा संकेत है, खासकर आगामी स्थानीय निकाय चुनावों के संदर्भ में. राज ठाकरे इस रैली को सफल बनाने में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं. उन्होंने माहौल बनाने के लिए हाल ही में कार्यकर्ताओं की बैठक की थी और वोटिंग मशीन व वोटर लिस्ट में गड़बड़ी पर एक विस्तृत प्रेजेंटेशन भी दिया था. वह आज दादर से CSMT तक लोकल ट्रेन से सफर करके रैली में शामिल होंगे, जो मतदाताओं से बड़ी संख्या में मोर्चे में शामिल होने की उनकी अपील को मजबूत करता है.
मोर्चे का रूट और विपक्ष की मुख्य माँगें
मोर्चा आज दोपहर 1 बजे मुंबई के फैशन स्ट्रीट से शुरू होगा और मेट्रो सिनेमा होते हुए मुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (BMC) हेडक्वार्टर के प्रवेश द्वार पर समाप्त होगा. BMC मुख्यालय के सामने एक मंच स्थापित किया गया है, जहाँ विभिन्न दलों के प्रमुख नेता अपने विचार रखेंगे.
इस मंच से उद्धव ठाकरे, राज ठाकरे, शरद पवार (NCP-SP), बालासाहेब थोराट (कांग्रेस) और जयंत पाटिल (शेकाप) सहित अन्य वरिष्ठ नेता भाषण देंगे. विपक्ष की मुख्य माँगें निम्नलिखित हैं:
वोटर लिस्ट को तत्काल अपडेट किया जाए.
वोटर लिस्ट से सभी डुप्लीकेट नामों को हटाया जाए.
वोटर लिस्ट अपडेट होने तक सभी आगामी चुनाव टाले जाएं.
7 नवंबर तक नए वोटर्स को रजिस्टर करने की समय सीमा बढ़ाई जाए.
विपक्ष का कहना है कि इस मोर्चे का प्राथमिक उद्देश्य जनता को सत्य से अवगत कराना और चुनाव आयोग के कथित गैर-जिम्मेदाराना रवैये को उजागर करना है.
कांग्रेस के नेताओं की अनुपस्थिति पर सवाल
हालांकि, विपक्ष की इस एकजुटता के बीच कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल और पूर्व अध्यक्ष नाना पटोले की मोर्चे से पहले की बैठकों से दूरी ने राजनीतिक गलियारों में सवाल खड़े कर दिए हैं. मुंबई कांग्रेस की अध्यक्ष और सांसद वर्षा गायकवाड़ की भागीदारी को लेकर भी स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है. इन वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं की संभावित अनुपस्थिति, महाविकास अघाड़ी की पूर्ण एकजुटता पर सवाल उठाती है, भले ही पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता रैली में शामिल होंगे.