एयर इंडिया ने भारत और चीन के बीच हवाई संपर्क को एक बार फिर बहाल करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। एयरलाइन 1 फरवरी 2026 से दिल्ली और चीन के शंघाई के बीच नॉन-स्टॉप उड़ानें फिर से शुरू करेगी। एयर इंडिया अथॉरिटी ने सोमवार को यह जानकारी साझा की, जिससे दोनों देशों के बीच लंबे समय से बाधित एयर कनेक्टिविटी में सुधार की उम्मीद जगी है।
यह कदम यात्रियों, छात्रों और विशेष रूप से कारोबारी समुदाय के लिए बड़ी राहत लेकर आएगा, जो सीधी उड़ानों के अभाव में लंबी और जटिल यात्राएँ करने के लिए मजबूर थे।
मुंबई-शंघाई रूट पर भी विचार
एयर इंडिया ने दिल्ली-शंघाई रूट के अलावा, मुंबई से शंघाई के लिए भी उड़ानें शुरू करने की योजना की घोषणा की है। हालांकि, इन उड़ानों की शुरुआत नियामक अनुमोदन (Regulatory Approval) मिलने के बाद ही संभव होगी। यह विस्तार भारत के दो प्रमुख आर्थिक केंद्रों से चीन तक सीधी पहुँच प्रदान करेगा।
बढ़ते व्यापारिक संबंधों का प्रतीक
2020 में सीधी उड़ानों को निलंबित किए जाने के बाद यह रूट काफी समय बाद बहाल हो रहा है। बताया जा रहा है कि एयर इंडिया का यह निर्णय भारत और चीन के बीच बढ़ते व्यापारिक और यात्रा संबंधी संबंधों को देखते हुए महत्वपूर्ण है। इन नॉन-स्टॉप उड़ानों के शुरू होने से न केवल यात्रियों का समय बचेगा, बल्कि दोनों देशों के बीच आना-जाना भी काफी सरल और सुगम हो जाएगा। यह दोनों एशियाई दिग्गजों के बीच रिश्तों पर जमी बर्फ पिघलने का भी संकेत है।
उड़ान विवरण
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शुरुआत की योजना: फिलहाल, एयर इंडिया दिल्ली और शंघाई के बीच सप्ताह में 4 फ्लाइट संचालित करने की योजना बना रही है।
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विमान: इन उड़ानों के लिए अत्याधुनिक बोइंग 787-8 विमान का उपयोग किया जाएगा।
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सीट क्षमता: विमान में 19 फ्लैट बेड सीटें (बिजनेस क्लास) और 238 सीटें (इकोनॉमी क्लास) होंगी।
दो आर्थिक शक्तियों के बीच सेतु
एयर इंडिया के कार्यकारी निदेशक ने इस पहल को केवल एक रूट का लॉन्च न मानते हुए इसे दो प्राचीन सभ्यताओं और आर्थिक आधुनिक शक्तियों के बीच का एक पुल बताया। उन्होंने कहा, "हमें खुशी है कि हम विश्व के सबसे महत्वपूर्ण एयर कॉरिडोर में से एक को फिर से जोड़ रहे हैं। इससे यात्री, व्यापार, शिक्षा, संस्कृति और अन्य क्षेत्रों में अवसर बढ़ेंगे।"
एयर इंडिया ने चीन के लिए अपनी पहली नॉन-स्टॉप उड़ानें सबसे पहले साल 2000 में शुरू की थीं। इस रूट की बहाली दोनों देशों के बीच भविष्य में और बेहतर कनेक्टिविटी और सहयोग की उम्मीद जगाती है।